दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत 28 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. राशिद 2019 से दिल्ली के तिहाड़ जेल में कथित आतंकी फंडिंग के मामले में बंद थे. इससे पहले, 10 सितंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह की अदालत ने उन्हें जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें 5 जुलाई को तिहाड़ जेल से पैरोल पर रिहा किया गया ताकि वे सांसद के रूप में शपथ ले सकें.
बता दें कि ये वही इंजीनियर राशिद ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बारामुला लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उमर अब्दुल्ला को हार का सामना करना पड़ा था.
आतंकी फंडिंग मामला और NIA की जांच
30 मई 2017 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और अन्य “अलगाववादी नेताओं” पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने हवाला के जरिए ‘आतंकी गतिविधियों’ के लिए जम्मू और कश्मीर में धन (रकम) प्राप्त किया है.
हालांकि, राशिद को इस मामले में पहले नामजद नहीं किया गया था. 18 जनवरी 2018 को NIA की ओर से पहली चार्जशीट दायर की गई थी, और 22 जनवरी 2019 को दायर पहले अनुपूरक चार्जशीट में भी उनका नाम नहीं था, लेकिन 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के चार दिन बाद, 9 अगस्त 2019 को राशिद को गिरफ्तार कर लिया गया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, राशिद को 4 अक्टूबर 2019 को दायर दूसरी अनुपूरक चार्जशीट में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था.
विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए मिली थी जमानत
राशिद को जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली है, जिसके तहत अब कोर्ट की ओर से इंजीनियर को 28 अक्टूबर तक की राहत दी गई है.