Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा फिर से शुरू! हिंसा में इस्तेमाल हो रहे हैं आधुनिक हथियार, ड्रोन के किए जा रहे हैं हमले

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Manipur Violence: सितंबर 2024 के पहले हफ्ते में मणिपुर में हिंसा फिर से तेज हो गई है, जिसमें ड्रोन हमलों और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। राज्य में जारी जातीय संघर्ष ने स्थिति को अत्यधिक संवेदनशील बना दिया है। हालात 2023 के जुलाई-अगस्त में हुए घटनाक्रम की याद दिलाते हैं, जहां कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष गहरा गया था।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्यपाल से मुलाकात कर मौजूदा हालात की जानकारी दी है और विधायकों द्वारा पारित प्रस्ताव सौंपा है। इसके बावजूद, घाटी में जारी हिंसा के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।

COCOMI का अल्टीमेटम और केंद्रीय बलों पर आरोप

COCOMI (कोऑर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी) ने भारतीय सशस्त्र बलों से पांच दिनों के भीतर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो मणिपुर से केंद्रीय बलों को हटाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। COCOMI ने आरोप लगाया है कि असम राइफल्स उग्रवादी समूहों से मिलीभगत कर रहे हैं और हालात को काबू करने में विफल रहे हैं।

ड्रोन हमले और बढ़ता आक्रोश

1 सितंबर, 2024 को कुकी उग्रवादियों ने इम्फाल पश्चिम के कौट्रुक इलाके में ड्रोन के जरिए बम गिराए, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। इसके बाद और हमले हुए, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। COCOMI ने 6 सितंबर, 2024 से अनिश्चितकालीन सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी है।

कुकी जनजाति के आरोप

दूसरी ओर, कुकी जनजाति की सर्वोच्च संस्था ने भी घाटी के हथियारबंद उपद्रवियों पर उनके समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा मणिपुर के मुख्यमंत्री के कथित लीक ऑडियो टेप से ध्यान हटाने की साजिश है। मणिपुर में बढ़ते इस जातीय संघर्ष के कारण शांति की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं, और आने वाले दिनों में स्थिति के और बिगड़ने की आशंका है।