नई दिल्ली/डेस्क: ऋषभ पंत ने दिल्ली के गुरुद्वारे में रातें गुजारते हुए क्रिकेटर बनने का सपना देखा। तो रिंकू सिंह के पिता घर-धर जाकर गैस सिलेंडर बांटते थे। ध्रुव जुरेल का क्रिकेटर बनने का सपना इतना आसान नहीं था।
क्या आप जानते हैं कि ध्रुव के पिता ने कारगिल युद्ध में भारत की रक्षा की थी और जब ज्यूरेल के पास क्रिकेट किट दिलाने के पैसे नहीं थे तो उनकी मां ने अपने गहने बेचकर क्रिकेट किट खरीदी थी। अब ध्रुव भारत के लिए डेब्यू कर चुके हैं। दिनेश कार्तिक ने उन्हें डेब्यू कैप पहनाई।
पिता चाहते थे कि ध्रुव जुरेल भारतीय सेना में शामिल हों
यह अद्भुत है कि उनके इस खास दिन पर ज्यादा चर्चा सरफराज के बारे में हुई। लेकिन जैसा सपोर्ट सरफराज खान को अपने पिता नौशाद खान से मिला वैसा सपोर्ट ध्रुव को नहीं मिला। क्योंकि ध्रुव जुरेल के पिता चाहते थे कि वह एनडीए में शामिल होकर देश की सेवा करें।
लेकिन ध्रुव क्रिकेट में अपना करियर बनाने की ओर बढ़ गए। उनके परिवार में पहले किसी ने क्रिकेट नहीं खेला था, लेकिन ध्रुव की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया गया। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें निखारने के लिए कोच परवेंद्र यादव से मदद मांगी।
ध्रुव के पिता नेम सिंह भारतीय सेना में रहे और हवलदार पद से रिटायर हुए। अब वह अपने बेटे की सफलता से रोमांचित हैं। वह इसे एक सपने के सच होने के रूप में मानते हैं और ध्रुव का समर्थन करने वाले सभी लोगों के आभारी हैं।
लेखक: करन शर्मा