VPN in Pakistan: पाकिस्तान में अब इंटरनेट को लेकर घमासान मचा हुआ है. सरकार ने हाल ही में साइबर सुरक्षा की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सभी यूजर्स के लिए अपने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) को पाकिस्तान टेलिकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) के साथ रजिस्टर करना अनिवार्य कर दिया।
CII ने वीपीएन का किया विरोध
जिसको लेकर अब पाकिस्तान में धार्मिक मामलों पर शीर्ष सलाहकार संस्था ‘काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी’ (CII) ने वीपीएन (VPN in Pakistan) का विरोध किया है। संस्था का कहना है कि इंटरनेट पर प्रतिबंधित कंटेंट देखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला VPN इस्लाम के खिलाफ है। इस तरह वीपीएन को गैर-इस्लामिक बताते हुए फतवा भी जारी किया गया है।
अपराधों को रोकने के लिए किया गया अनिवार्य
दरअसल, पाकिस्तान में बीते शुक्रवार को ही यह नियम लागू किया गया है। पाकिस्तान सरकार के दूरसंचार विभाग का कहना है कि पोर्नोग्राफी के साथ ही आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए यह वीपीएन (VPN in Pakistan) अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार तो यहां तक दावा कर रही है कि इससे आतंकी साजिश पर भी रोकथाम की जा सकेगी। पिछले दिनों गृह मंत्रालय के निर्देश पर पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी (PTA) ने प्रतिबंधित कंटेंट का उपयोग करने वाले कई वीपीएन को ब्लॉक कर दिया था।
प्रतिबंधित वेबसाइटों तक पहुंचने के प्रयास
पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी का दावा है कि पाकिस्तानियों ने वीपीएन का इस्तेमाल करके प्रतिबंधित वेबसाइटों तक पहुंचने के लिए कम से कम पांच अरब प्रयास किए गए हैं। जहां कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगा दी गई है।
इंटरनेट बैन पर दुनिया में चिंता
जिसके बाद पाकिस्तान में इंटरनेट बैन पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। अधिकांश लोगों का मानना है कि मौजूदा पाकिस्तान सरकार विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए इंटरनेट बंद कर रही है। वहीं, अमेरिकी थिंक-टैंक के उपाध्यक्ष डेनियल कास्त्रो का मानना है कि पाकिस्तान में इंटरनेट बैन से सरकार को अल्पकालिक राजनीतिक शक्ति प्रदान हो सकती है, लेकिन यह शटडाउन से दीर्घकालिक आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
ब्राजील की फर्स्ट लेडी ने एलॉन मस्क को कहे अपशब्द, बोलीं-… मैं तुमसे नहीं डरती
धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं माना जा सकता सही
तो वहीं दूसरी तरफ काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी के अध्यक्ष रागिब नईमी के मुताबिक लोग वीपीएन (VPN in Pakistan) के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करके गलत काम करेंगे। जिस तरह की सामग्री पर बैन है, वह देखेंगे। उन्होंने आगे कहा कि VPN टेक्नोलॉजी का उपयोग झूठी अफवाह फैलाने समाज में अराजकता उत्पन्न करने के लिए किया जा रहा है। यही कारण है कि इसे धार्मिक दृष्टिकोण से सही नहीं माना जा सकता है।