लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक खेती पर आधारित एक क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम में कृषि में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग के दुष्प्रभावों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि एक राज्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग के कारण ‘कैंसर ट्रेन’ चलानी पड़ी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन बढ़ा, लेकिन फर्टिलाइजर का जहर हमारी धमनियों में घुस रहा है, जिससे इंसान और पशु-पक्षी बीमार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से कृषि उत्पादों का प्राकृतिक स्वरूप बनाए रखना आवश्यक है। यूपी में एक कृषि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती को समर्पित किया जाएगा। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने फर्टिलाइजर के दुष्प्रभावों पर जोर देते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है और इसके अच्छे परिणाम बुंदेलखंड में दिखाई दे रहे हैं।
इतिहास के पन्नों को फिर से पलटना होगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में हरित क्रांति के लाभों के साथ इसके दुष्प्रभावों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमें पुराने समय के प्राकृतिक कृषि विज्ञान को पुनः अपनाना होगा और फर्टिलाइजर के उपयोग को कम करना होगा।
गाय भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही अत्यधिक फर्टिलाइजर वाला चारा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अत्यधिक फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव न केवल मनुष्यों पर बल्कि पशु-पक्षियों पर भी हो रहा है। उदाहरण स्वरूप, अमरोहा में गोवंश आश्रय स्थल पर 12 से 14 गायों की मृत्यु फर्टिलाइजर मिले चारे के कारण हुई।
गांव-गांव में युवा किडनी, हार्ट और कैंसर से हो रहे प्रभावित
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में बढ़ती किडनी, हार्ट और कैंसर जैसी बीमारियों का मुख्य कारण अत्यधिक फर्टिलाइजर है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्राकृतिक खेती के मंत्र को अपनाने पर जोर दिया और कहा कि यूपी सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यूपी में कृषि उत्पादों के सर्टिफिकेशन के लिए लैब्स को अपग्रेड करने का काम चल रहा है और सरकार इसके लिए धन प्रदान करेगी।
प्राक्रतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं, जहां हर कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह केंद्र प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। 2017 से पहले उपेक्षित रहने वाले ये केंद्र अब किसानों, पशुपालकों और कृषि के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यूपी में 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है, जिसमें बुंदेलखंड के परिणाम विशेष रूप से उत्साहजनक हैं।
कार्यक्रम में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, लद्दाख के कार्यकारी सभासद कृषि स्टेनज़िन चोस्फ़ेल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ देवेश चतुर्वेदी, और विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और विशेषज्ञ मौजूद रहे।