नई दिल्ली: 10 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर 7, लोक कल्याण मार्ग पर अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) के गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत के विज्ञान और तकनीकी परिदृश्य को नई दिशा देना और विकास कार्यक्रमों को उन्नत करना था।
नई शुरुआत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में बताया कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक एक नई शुरुआत का संकेत है। उन्होंने रिसर्च के क्षेत्र में मौजूद बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने की बात की।
स्थानीय समाधानों पर जोर
प्रधानमंत्री ने वैश्विक समस्याओं का समाधान निकालने के लिए स्थानीय नजरिये को अपनाने की बात की। उन्होंने संस्थानों की उन्नति और प्रमाणिकता की दिशा में चर्चा की और विशेषज्ञता के आधार पर डोमेन विशेषज्ञों की एक सूची तैयार करने का सुझाव दिया। साथ ही एक डैशबोर्ड विकसित करने की बात भी की गई, जिससे रिसर्च और विकास से संबंधित सूचनाओं को आसानी से ट्रैक किया जा सके।
अलग-अगल रिसर्च क्षेत्रों पर हुई चर्चा
बैठक में विभिन्न रिसर्च क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई, जैसे पर्यावरण परिवर्तन के लिए नए समाधान, ईवी बैटरी सामग्री, प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे आदि। अटल टिंकरिंग लैब्स के सकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, इन प्रयोगशालाओं की ग्रेडिंग की संभावना पर भी विचार किया गया।
वैश्विक स्थिति और समग्र विकास को एक पटरी पर लाया जाएगा
गवर्निंग बोर्ड ने भारत की वैश्विक स्थिति को सुधारने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ रिसर्च और विकास को एक पटरी पर लाने पर चर्चा हुई। इसमें समग्र विकास (Overall development) को बढ़ावा देने, क्षमता निर्माण और वैज्ञानिक प्रगति पर जोर दिया गया। एएनआरएफ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), उन्नत सामग्री, सौर सेल, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, सतत कृषि और फोटोनिक्स जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान शुरू करेगा।
सामान्य दिशा और वैश्विक प्रथाओं की जरूरतों पर दिया जोर
बता दें कि, गवर्निंग बोर्ड ने ANRF की रणनीतियों को विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के साथ संगठित करने की बात कही और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं (Global best practices) का पालन करने पर बल दिया। मानवता और सामाजिक विज्ञान में अंतः विषय रिसर्च को समर्थन देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
गवर्निंग बोर्ड की इस बैठक में कौन-कौन शामिल हुए?
बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान) और अन्य प्रमुख प्रतिभागी शामिल हुए। इनमें प्रो. मंजुल भार्गव, डॉ. रोमेश टी वाधवानी, प्रो. सुब्रा सुरेश, डॉ. रघुवेंद्र तंवर, प्रो. जयराम एन. चेंगलूर, और प्रो. जी रंगराजन शामिल थे।
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का उद्देश्य?
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुसार, साइंस रिसर्च की रणनीति को दिशा प्रदान करना और उद्योग, शिक्षा जगत जैसे सरकारी विभागों के बीच सहयोग स्थापित करना है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई यह बैठक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की दिशा और उसके उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए भारत के रिसर्च और विकास के नजिरये को नई दिशा देने का प्रयास है।