मासूम का पहले रेप फिर 10 टुकड़ों में काटा शरीर… फैसला सुनाते वक्त भावुक जज ने सुनाई कविता

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Udaipur Rape Case: राजस्थान के उदयपुर में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर मानवता की सारी हदें पार कर उसके शरीर को 10 टुकड़ों में काटकर हत्या करने के मामले में सोमवार को उदयपुर की पोक्सो-2 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाने वाले जज ने अपने फैसले में एक कविता भी लिखी है. जिसने न सिर्फ जज को भावुक कर दिया बल्कि वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आईं.

पॉक्सो-2 कोर्ट के जज संजय भटनागर ने कविता को पढ़ते समय कहा, आरोपी कमलेश राजपूत (21वर्षीय) द्वारा नाबालिग के साथ रेप और हत्या का अपराध किया जा रहा था. तब निश्चित रूप से उस बेटी की आत्मा से आह और पीड़ा की कल्पना इस कविता से की जा सकती है.”

जज संजय भटनागर ने कविता की भावुक लाइनों को पढ़ते हुए सुनाया,

“मैं अपने उपवन की नन्ही कली थी. इठलाती, नाचती परी थी.
पापा मम्मी की लाडली नाजों से पली थी,
पर मैं तो भूल गई कि मैं एक लड़की थी.
क्रूर वासना की शिकार बनी मेरी आत्मा चित्कार रही थी.
क्या मैं इंसान नहीं थी?
अपराध बोध हुआ जब मेरे टुकड़े किए.
मेरा स्त्री होना? क्या मैं खुद अपराधी थी?”

कोर्ट ने 4 नवंबर को सुनाई फांसी की सजा

बता दें, कोर्ट ने 4 नवंबर को मामले में आरोपी कमलेश राजपूत (21वर्षीय) को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कमलेश को भा. द. स.363, 366, 376 (2) (N) और 302 सहित पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया है. साथ ही आरोपी के माता-पिता को साक्ष्य मिटाने और उसका सहयोग करने के आरोप में 4-4 साल की सजा सुनाई है. हालांकि, आरोपी के माता-पिता को तुरंत ही जमानत भी मिल गई थी.

क्या है पूरा मामला?

मार्च 2023 को पीड़िता बच्ची के माता-पिता ने अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत मावली थाने में दर्ज करवाई थी. माता-पिता का कहना था कि उनकी बेटी दोपहर को स्कूल के वापस घर आई थी. उसके बाद वह ड्रेस बदलकर ‘अपने ताउजी के पास जा रही हूं’ कह कर चली गई. उसके बाद से वह वापस नहीं आई. सूचना पर जब पुलिस ने बच्ची को ढूंढना शुरू किया तो उन्हें अप्रैल में पीड़ित बच्ची का शव एक बोरे में मिला. उसके बाद पुलिस ने जांच कर आरोपी कमलेश को गिरफ्तार किया.