गुवाहाटी: असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भीषण बाढ़ के कारण 11 जानवर डूब गए हैं, जबकि 65 अन्य जानवरों को वन विभाग की तत्परता से सुरक्षित बचा लिया गया है। यह जानकारी बुधवार को एक अधिकारी ने दी। बाढ़ के कारण डूबने वाले जानवरों में अधिकतर हॉग डियर शामिल हैं, जो हिरण की एक दुर्लभ प्रजाति है।
राष्ट्रीय उद्यान के एक अधिकारी ने बताया कि 42 हॉग डियर, दो ऊदबिलाव, दो साम्भर और एक स्कॉप्स उल्लू को सुरक्षित निकाल लिया गया। हालांकि, बाढ़ ने उद्यान के हालात काफी बिगाड़ दिए हैं, जिससे वन्यजीवों को सुरक्षित रखने में कठिनाइयाँ आ रही हैं।
अधिकारी ने बताया कि पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग में कुल 233 वन विभाग शिविर हैं, जिनमें से 173 पानी में डूब चुके हैं। मंगलवार तक यह संख्या 167 थी, जो लगातार बढ़ रही है। वन विभाग के कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी उद्यान के अंदर शिविरों में रहकर वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए गश्त लगा रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को पर्याप्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वन्यजीवों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 715 पर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके तहत, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 715 पर वाहनों की आवाजाही पर निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
इस आपदा के चलते वन्यजीवों के जीवन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। बाढ़ से उत्पन्न हुई कठिनाइयों के बावजूद, वन विभाग के कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की तत्परता और साहसिक प्रयासों ने कई जानवरों की जान बचाई है।