मदरसों में फर्जीवाड़ा, छात्रवृत्ति लेने वाले 2400 छात्र गुमनाम

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Uttar Pradesh: यूपी के हरदोई जिले में मदरसा के छात्रों के नामांकन के साथ आधार लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया। जिसके बाद जनपद में चल रहे मदरसों का बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया है। दरअसल अब मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति उनके खाते में भेजी जाएगी। लिहाजा शासन के निर्देश पर छात्रों के नामांकन को आधार से जोड़ा गया। विगत वर्ष पंजीकृत छात्रों का आधार वेरीफिकेशन कराया गया, तो 2400 छात्रों का आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका है। ऐसे में शासन को अब जिला प्रशासन इसकी रिपोर्ट को सौंपेगा। अभी तक पंजीकृत अधिकतर छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है, कि गायब मिले छात्रों में तमाम छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति कहां जा रही थी?

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया कदम

हरदोई जिले में 141 मदरसे संचालित है पिछले शिक्षा सत्र में 25944 बच्चे अध्ययन कर रहे थे। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा जाए। ताकि छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के खाते में ही पहुंचे और फर्जवाड़ा रोका जा सके। क्योंकि कई बार सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए मदरसों या किसी नीजि संस्थान में पढ़ते हैं।  जब इन छात्रों को आधार से लिंक किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।

2400 फर्जी छात्रों के नाम पर बंट रही थी छात्रवृत्ति

यू डाइस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विगत शैक्षणिक सत्र में जनपद में संचालित 141 मदरसों में 25944 विद्यार्थी थे और 31 अगस्त तक यू डायस पोर्टल के जरिए सभी को आधार लिंक कराना जरूरी था। इसके लिए सभी मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का आधार वेरिफिकेशन कराया गया और 31 अगस्त को पोर्टल लॉक कर दिया गया। यू डायस पोर्टल लॉक होने के बाद 2400 छात्र नदारद मिले जिनका आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका। या फिर यूं कहें कि वो अस्तित्व में ही नहीं हैं।

3600 रुपए सलाना मिलती थी छात्रवृत्ति

अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार मदरसो में पढ़ रहे बच्चों को 300 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाती थी। हालांकि पंजीकृत सभी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही थी लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक गायब मिले छात्रों में तमाम ऐसे छात्र थे जो इसका लाभ ले रहे थे। सवाल ये है कि आखिर इन छात्रों की छात्रवृत्ति किसके खाते में जा रही थी? और इसका इस्तेमाल कौन कर रहा था?

शासन को ब्यौरा सौंपेगा जिला प्रशासन

इस मामले में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि जनपद के सभी मदरसों और उसके सभी छात्रों का आधार सीड किया गया था। इसके पहले 9 हज़ार छात्र अज्ञात थे। जिसके जांच में कई छात्रों का नाम रजिस्टर्ड पाया गया। फिलहाल विभाग 2400 अज्ञात छात्रों की जांच कर रहा है। जिला प्रशासन इसका ब्यौरा शासन को सौंपेगा।

लेखक: बिट्टू वर्मा