G20: क्या है कोणार्क चक्र की अहमियत, जिसके सामने पीएम मोदी ने किया वर्ल्ड लीडर्स का स्वागत

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नई दिल्ली/डेस्क: दिल्ली में जी20 शिखर सम्‍मेलन का आगाज हो गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी G20 नेताओं और प्रतिनिधियों का स्‍वागत किया। इस महत्वपूर्ण सम्‍मेलन का आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम में किया गया, जहां एक बड़ा-सा चक्र ‘कोणार्क चक्र’ दिखाई दिया।

भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज में कोणार्क चक्र

कोणार्क चक्र, भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज में भी दिखाई देता है, जिसे 13वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस चक्र में 24 तीलियां होती हैं, और यह भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता, और वास्तुशिल्प की उच्‍चतमता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र के माध्‍यम से समय की अनिश्‍चितता और प्रगति का संकेत भी दिया जाता है।

इस चक्र का महत्व यह है कि यह भारत के लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत ने हमेशा से लोकतांत्रिक मूल्‍यों को महत्व दिया है, और कोणार्क चक्र इसका प्रतीक है।

नटराज की मूर्ति भी बनी आकर्षण का केंद्र

इस सम्‍मेलन में नटराज की मूर्ति भी आकर्षण का केंद्र बनी है, जो भारतीय संस्‍कृति और कला का प्रतीक है। यहां पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबियस, आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा जैसे प्रमुख लोग भी भाग ले रहे हैं।

इस समूह में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेद हैं, लेकिन भारत इस महत्वपूर्ण शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी कर रहा है और अपनी अध्यक्षता में इसका आयोजन कर रहा है। इस सम्‍मेलन में भारत ने अपने लोकतांत्रिक आदर्शों के साथ अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यह सभी देशों के बीच सहमति और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

लेखक: करन शर्मा