लखनऊ/उत्तर प्रदेश: प्याज और टमाटर के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के कुछ समय बाद, गिरावट भी देखी गई, लेकिन लहसुन के दामों में पिछले 7 महीनों से रफ्तार पकड़ रखी है। अब एक किलो लहसुन की कीमत 500 से 600 रुपये तक पहुंच गई है, जिससे खुदरा बाजार में लोगों को लहसुन से परहेज करना पड़ रहा है।
7 महीनों में 100 रुपये से 600 रुपये तक पहुंचा लहसुन
एक स्थानीय खरीदार ने बताया, “पहले लहसुन 100-120 प्रति किलो का मिलता था, अब 400 से 500 का हो गया है। आज का नया रेट 600 रुपए प्रति किलो हो गया है। पहले हम किलो भर लेकर जाते थे, अब 100 ग्राम लेकर जाते हैं। यह बढ़ती कीमतें लोगों को गुरहराना महसूस करा रही है और वे कम मात्रा में लहसुन खरीद रहे हैं। आने वाले महीने में रेट में कमी हो सकती है, लेकिन अब स्थिति काबू में होने की आशंका है।”
किसान के पास नहीं है लहसुन, इसलिए महंगा है- विक्रेता
लहसुन विक्रेताओं का कहना है कि, “लहसुन की बिक्री पर बहुत असर है। पिछले 7 महीने से रोज दामों में इजाफा होता जा रहा है। मंडी में लहसुन 400 से 450 का आ रहा है। कई लोग बिना लहसुन लिए जा रहे हैं। बाजार में किसानों के पास माल नहीं है व्यापारियों के पास माल है वे अपनी मर्जी से बेचते हैं।”
इस बढ़ती कीमत के चलते, लोगों को किचन में लहसुन का उपयोग कम करना पड़ रहा है और कई बार वह बिना लहसुन के काम चलाने को मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि यह नहीं केवल एक स्वादस्त तत्व है, बल्कि इसमें कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। वहीं, स्थानिय किसानों का कहना है कि उनके पास माल तो है, लेकिन बाजार में खुदरा में उच्च मूल्य के कारण उन्हें अपने माल को बेचने में मुश्किल हो रही है।
इससे पहले प्याज और टमाटर के दामों में वृद्धि के संदर्भ में भी लोगों की चिंता बढ़ रही है, और अब लहसुन की कीमतों की बढ़ोतरी ने इसे और भी बिगाड़ दिया है। खासकर, गरीब और मध्यवर्ग के लोगों को इस बढ़ती महंगाई से निराशा है, जो अपने रोजगार के लिए और खुदरा खरीद करने के लिए इसे एक और चुनौती साबित हो रही है।