गौतम अडानी की सबसे बड़ी पहल, दुनिया के सबसे बड़े तांबा प्लांट की शुरुआत

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नई दिल्ली /डेस्क: चीन और अन्य देशों की तरह भारत भी कॉपर का प्रोडक्शन तेजी से बढ़ा रहा है, जो जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण धातु है. ऊर्जा बदलाव के लिए महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग इंफ्रा, सोलर फोटोवोल्टिक, विंड एनर्जी और बैटरी सभी में कॉपर की जरूरत होती है.

अरबपति कारोबारी गौतम अडानी की अगुवाई वाला समूह गुजरात के मुंद्रा में दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर प्लांट बना रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, इस संयंत्र से आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और ऊर्जा बदलाव में मदद मिलेगी. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश से तैयार हो रहा यह संयंत्र मार्च के अंत तक पहले चरण का परिचालन शुरू कर देगा. उन्होंने बताया कि संयंत्र मार्च, 2029 तक पूर्ण पैमाने पर 10 लाख टन क्षमता के साथ काम शुरू करेगा.

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि भारत ने चीन जैसे अन्य देशों के हिसाब से कॉपर उत्पादन को बढ़ावा देने का फैसला किया है. भारत क्रूड ऑयल से अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए ग्रीन ऊर्जा के अन्य साधनों को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए इलेक्ट्रिक वेहिकल (EV), चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी और बैटरी के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है. इन सभी के लिए कॉपर की जरूरत पड़ती है. भारत में प्रति व्यक्ति कॉपर की खपत 0.6 किग्रा है.

जबकि ग्लोबल औसत 3.2 किग्रा है. क्लीन एनर्जी की ओर भारत के बढ़ते ध्यान से यह खपत 2030 तक दोगुनी हो सकती है. स्टील और एल्युमिनियम के बाद कॉपर तीसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मेटल है. अडानी ग्रुप क्लीन एनर्जी सेक्टर में जबरदस्त निवेश कर रहा है.

लेखक: इमरान अंसारी