जयपुर/राजस्थान: राजस्थान की धरा अब सोना उगलने की तैयारी में है, जिससे विभिन्न खनिजों की भरपूर मात्रा मिलेगी। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान के माइनिंग विभाग ने इस नीलीमी की कीमत जारी कर दी है। भूकिया जगपुरा में आयोजित होने वाली पहली सोने की खानों की नीलामी से आशा है कि प्रदेश में नए रोजगार और उद्योगों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।
खदान में छिपा है 222.39 टन सोना!
राजस्थान सरकार ने भूकिया जगपुरा में किए गए एक्सप्लोरेशन के दौरान 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का पहला आकलन किया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन है। इससे सोने के साथ ही प्रदेश में कॉपर, निकल, और कोबाल्ट खनिजों की भी अद्भुत मात्रा मिलेगी।
मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
सोने के साथ-साथ, खनन के दौरान से प्राप्त होने वाले कॉपर, निकल, और कोबाल्ट के खनिजों से नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इन खनिजों का उपयोग इलेक्ट्रोनिक्स, सिक्कों, बैटरी, पेट्रोकेमिकल्स, और एयर बैग सहित विभिन्न उद्योगों में होगा, जिससे उद्योगों को नए पंख मिलेंगे।
बढ़ेगा… राजस्व और विकास का स्रोत
सोने की नीलामी के साथ ही खनिजों की नई खोज और नए ब्लॉक्स की नीलामी से प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इससे स्थानीय आदिवासी और गरीबों को भी लाभ होगा, जो इस स्वर्ण खनन के लाभार्थी बन सकते हैं।
राजस्थान को विश्व पटल पर मिलेगी पहचान!
राजस्थान के सोने के खनन से देश को विश्व में एक महत्वपूर्ण खनन क्षेत्र मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की नेतृत्व में यह पहली बार है कि राजस्थान सोने की नीलामी कर रहा है और इससे प्रदेश में गोल्ड प्रसंस्करण उद्योग में भी निवेश होगा।
भूकिया जगपुरा सोने की खदान से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु
- गोल्ड माइंस की पहली बार नीलामी, 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आकलन।
- गोल्ड के साथ ही निकलेगा कॉपर, निकल व कोबाल्ट आदि खनिज।
- इलेक्ट्रोनिक्स, सिक्कों, बैटरी, पेट्रोकेमिकल्स, एयर बैग सहित उद्योगों को लगेंगे पंख।
- गोल्ड प्रसंस्करण के साथ ही राजस्व व रोजगार का खुलेगा पिटारा।
राजस्थान के सोने के खनन से उत्पन्न होने वाले खनिजों से नए उद्योगों को प्रेरित करते हुए, प्रदेश में अब रोजगार और विकास का एक नया युग आरंभ होने वाला है। यह नीलामी राजस्थान को विश्वपटल पर नई पहचान दिलाने का एक उदाहरण साबित हो सकता है कि सरकार कैसे नए विकास क्षेत्रों को खोज रही है और स्थानीय जनता को नए अवसर प्रदान कर रही है। इससे प्रदेश में नए सृजनात्मक और सामाजिक परिवर्तन की भी संभावनाएं बढ़ रही हैं।