Gorakhpur Institute of Technology and Management: अब पौधे बताएंगे अपना नाम, मोबाइल से पौधों में पड़ेगा पानी

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Gorakhpur Institute of Technology and Management: गोरखपुर के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों ने पौधों में पानी डालने के लिये एक ऐसा मोबाइल वाटर सिस्टम तैयार किया हैं, जिसके माध्यम सें आप अपने घर, बगीचे में लगे पेड़ पौधों में आसानी से अपने मोबाइल के वाट्सअप से पानी डाल सकते है। इसके साथ ही ऐसे पौधे भी बनाये गये है जो अपना नाम भी बताते है। इन प्रोजेक्ट को बनाने वाले छात्र अंशित श्रीवास्तव ने बताया आज के दौर में करोड़ों लोग सोशल मीडिया पर विश्व पर्यावरण दिवस पर एक फोटो शेयर करके विश्व पर्यावरण दिवस मना लेते हैं, ये बहुत दुःखद हैं।

पौधों का बच्चे की तरह रखना होता है ध्यान

आज हम वास्तविकता सें दूर होते जा रहे है और विश्व पर्यावरण के दिन लाखों पौधे लोंगो द्वारा लगाये जाते है। लेकिन उसके बाद हम सब भूल जाते है की जब तक पौधा अपने पैर पर खड़ा ना हो जाये हमें एक बच्चे की तरह उसका ख्याल रखना पड़ता है। समय-समय पर पौधों को पानी और खाद की जरुरत पडती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इस डिवाइस को तैयार किया है। जिसके माध्यम सें आप कहीं से भी अपने बगीचे या घर मे रखे गमले में बस एक मैसेज करके अपने पेड़ पौधों को सूखने सें बचा सकते है।

वाट्सअप सें 50 से अधिक गमलों को जोड़ सकते है

छात्र अंशित ने बताया कि आधुनिक युग में हम प्रकृति को नुकसान पंहुचा रहे है, जगह-जगह पेड़ काटे जा रहे है। यही सब वजह है की आज हमें इतनी गर्मी और धूप का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रोजेक्ट को किसी भी एंड्रॉयड फोन सें अटैच किया जा सकता है। एक वाट्सअप सें हम 50 सें ज्यादा गमलों को जोड़ सकते है। सभी गमले मोबाइल सें जुड़े मिनी वाटर पम्प सें कनेक्ट होते है। जैसे- हम गमले में लगे पौधे का नाम भेजते है गमले में सेट किये गये निर्धारित पानी गमले में भर जाता है और ऐसे हम दूर से भी अपने पौधों में पानी डाल सकते है।

पौधे बता सकते है अपना नाम

इसके साथ में जो पौधे हमने गमले में लगाये है वो पौधे अपना नाम भी बता सकते है। इसे गमले में लगे पौधे का नाम जानने में लोगों को आसानी होगी। इसे बनाने में 12 दिन का समय और दो हजार रूपये का खर्च आया है। इसे बनाने मे एंड्रॉयड मोबाइल, गियर मेकैनिकल स्विच, 12 वोल्ट पम्प, 220 वोल्ट पम्प मैसेज ट्रिगर सेंसर, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप, इत्यादि उपकरणो का इस्तेमाल कर बनाया है।

पेड़-पौधे बेहद आवश्यक

संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम सब को पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित बनाये रखने के लिये अपने और अपने बच्चों के नाम से एक-एक पौधा लगाने की जरुरत है। भविष्य में ये पौधे पेड़ बनेंगे, हमें ऑक्सीजन मिलेगा और हमारी धरती हरी भरी रहेगी।

लेखक: रंजना कुमारी