Motilal Oswal की ताजा रिपोर्ट में भारत की पिछले एक दशक की वित्तीय यात्रा का जिक्र किया गया है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. यह रिपोर्ट पीएम मोदी के पिछले 10 साल के कार्यकाल के दौरान हुए रणनीतिक सुधारों को दर्शाते हुए अर्थव्यवस्था का एक अहम नजरिया पेश करती है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे छोटे-छोटे स्टार्ट अप्स से लेकर बड़ी इंडस्ट्रीज के ग्रुप तक देश ने आर्थिक गलियारों में मजबूती से विकास किया है. यह रिपोर्ट इस वजह से भी चौंकाने वाली है क्योंकि यह विपक्ष के दावों खासतौर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग के उन दावों को खारिज करती हैं जिसमें देश की अर्थव्यवस्था को चंद कारोबारियों के हाथ में होने का दावा किया जाता रहा है.
ओसवाल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का आर्थिक विकास पिछले 10 सालों में किसी के एकाधिकार से नहीं हुआ है बल्कि सभी के लिए मौका पैदा करने वाली रणनीतियों की वजह से ग्लोबल इन्वेस्टमेंट को बड़े पैमाने पर लाने की वजह से हुआ है. इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ‘विकसित भारत 2047’ का नजरिया सिर्फ एक सपना नहीं है बल्कि एक रियल स्ट्रैटेजी है जिस पर हमारा देश तेजी से बढ़ रहा है.
मौजूदा समय में देश के ज्यादातर कारोबार को सशक्त बनाकर भारत के भविष्य को आकार दिया जा रहा है. नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से अक्सर अर्थव्यवस्था में एकाधिकार का आरोप लगाया जाता है, हालांकि यह रिपोर्ट इनके उलट भारत के विकास को समावेशी बता रही है. इसके अनुसार सभी स्माल, मीडियम और कॉर्पोरेट लेवल के बिजनेस को अवसर मिला है और अब यह सिर्फ कुछ घरानों के बजाय सभी वर्ग के बिजनेस को समान रूप से बढ़ावा दे रहा है.
मोतीलाल ओसवाल की इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए एक अहम जगह बन चुकी है क्योंकि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ग्राउंडलेवल पर सुधार किए गए हैं. इन सुधारों की वजह से बाजार का विस्तार हुआ है और हर लेवल के बिजनेस के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार हो गया है.