Huge jump in GST collection: पिछले 7 सालों में 134% बढ़े GST करदाता, नए इंवेस्टमेंट से अर्थव्यवस्था में सुधार

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Huge jump in GST collection: भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में, वस्तु और सेवा कर (GST) कलेक्शन में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। 2017-18 में GST प्रणाली लागू होने के पहले वर्ष में औसत मासिक संग्रह लगभग 90,000 करोड़ रुपये था। इसके बाद से, यह आंकड़ा निरंतर बढ़ता रहा है और 2023-24 में औसत मासिक कलेक्शन 87% की वृद्धि के साथ 1.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

पिछले 7 वर्षों में GST प्रणाली के तहत करदाताओं की संख्या में 134% की वृद्धि हुई है, जिससे न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है, बल्कि आर्थिक सुधार और वित्तीय पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिला है। इन्वेस्टमेंट में वृद्धि और आर्थिक सुधारों ने भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हालांकि, पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने पर अभी भी विचार किया जा रहा है, जिससे सुधारों में थोड़ी देर हो सकती है। लेकिन इस कदम से अर्थव्यवस्था में और अधिक स्थिरता और पारदर्शिता की उम्मीद की जा रही है।

बता दें कि GST प्रणाली ने भारतीय वित्तीय तंत्र को अधिक सहज और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।