Gujarat Boy Saves Snake Life: गुजरात के वडोदरा में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई जब एक वाइल्डलाइफ रेस्क्यूअर ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) नामक जीवन रक्षक तकनीक का उपयोग करके एक बेहोश सांप को बचा लिया.
यश ताड़वी ने बचाई सांप की जान
यश ताड़वी, एक स्थानीय वाइल्डलाइफ रेस्क्यूअर ने बताया कि उन्हें अपने हेल्पलाइन नंबर पर एक सांप के मृत पाए जाने के बारे में कॉल आया. तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने पर, उन्होंने लगभग एक-फुट लंबे चेकर्ड कीलबैक सांप को देखा जो कि बेहोश पड़ा था और उसमें कोई हलचल नहीं दिख रही थी.
उल्लेखनीय है कि चेकर्ड कीलबैंक सांप जहरीला नहीं होता है. हालांकि, यश को अपने अनुभव पर यकीन था कि सांप अभी भी जिंदा है और उसकी मौत नहीं हुई है. उन्होंने तुरंत सांप को होश में लाने के लिए सीपीआर (CPR) देने का निर्णय लिया. उन्होंने सांप की गर्दन अपने हाथ में ली, उसका मुंह खोला और उसे तीन मिनट तक मुंह में फूंक मारकर सांस देने की कोशिश की.
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सांप को सीपीआर देकर बचाई उसकी जान
पहले दो प्रयासों में कोई बदलाव नहीं आया, लेकिन यश ने हार नहीं मानी. उन्होंने तीसरी बार सीपीआर (CPR) दिया और आश्चर्यजनक रूप से, सांप हिलने लगा. उसकी आंखें धीरे-धीरे खुल गईं और वह अपने शरीर को हिलाने लगा.
यश ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया, और वे सांप को ले गए.
वन अधिकारियों ने सांप की जांच की और पाया कि वह पूरी तरह ठीक है. यह घटना एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे जानवरों को भी एमरजेंसी मेडिकल हेल्प और तत्काल कार्रवाई किसी भी जीव की जान बचा सकती है. यश ताड़वी के साहस और ज्ञान ने एक बेहोश सांप के जीवन को बचाया, जो एक अविश्वसनीय उपलब्धि है.
इस घटना ने न केवल वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे सीपीआर (CPR) जैसी जीवन रक्षक तकनीक का उपयोग केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य जीवों के लिए भी किया जा सकता है. यह एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें याद दिलाती है कि हमारे आसपास के सभी जीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है.
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