यमुनानगर/हरियाणा: बीते दिनों हरियाणा में हुई भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे यमुना से सटे जिलों में बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला है। वहीं आज भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बाढ़ से प्रभावित यमुनानगर के इलाकों का दौरा किया।
इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह सरकार पर जमकर बरसे और इसको सरकार की नाकामी बताया। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, कृषि क्षेत्र में भारत और हरियाणा सरकार अमेरिका का अनुसरण कर रही है जबकि अमेरिका में फसल अधिक है व आबादी कम जबकि भारत में कृषि योग्य भूमि कम है और आबादी ज्यादा।
यह नीति किसानों को बर्बाद कर देगी किसान नेता ने आरोप लगाया कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के दबाव में सरकार कृषि नीति बना रही है जो कि घातक होगी।
सरकार से मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि, बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि अधिकारियों की लापरवाही से आई है यदि इतना ही बजट सरकार मुझे देती तो मैं नदी का पानी रोक देता। धान का बहुत भारी नुकसान हुआ है जहां दोबारा धान न लगे वहां चालीस लाख रुपए प्रति एकड़ जहां लग सके वहां का मुआवजा कम दिया जाए।
इसी प्रकार गन्ने के नुकसान की भरपाई करते हुए किसानों को 1 एकड़ का एक लाख का मुआवजा दिया जाए।
अवैध खनन को बताया बाढ़ का कारण
गुरनाम सिंह ने कहा कि, सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि हमारे देश को छोड़कर युवा बाहर जा रहे हैं क्योंकि परिस्थितियां यहां उचित नहीं है 50 करोड़ लोगों की संपत्ति केवल नो पूंजी पतियों के पास है एग्रीकल्चर लोन से 9 गुना अधिक पूंजी, पूंजी पतियों के पास है लेकिन एक भी पूंजीपति ने आत्महत्या नहीं की लेकिन यहां आए दिन किसान आत्महत्या करते हैं बाढ़ के संबंध में बोलते हुए कहा कि अवैध खनन के कारण भी ऐसा हुआ है।
रिपोर्ट- वीना
यमुनानगर, हरियाणा