Gyanvapi case: सुप्रीम कोर्ट में आज ज्ञानवापी मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर की गई अर्जी पर मुस्लिम कमेटी को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते में जवाब मांगा है. बता दें कि हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि साल 1933 तक हिंदू समुदाय के लोग सीलबंद क्षेत्र में प्रार्थना करते थे. वहीं मुस्लिम समुदाय सीलबंद क्षेत्र को वजूखाना मानता है.
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति से भी मांगा जवाब
मामले (Gyanvapi case) में अब अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के अंदर सर्वोच्च अदालत द्वारा आदेशित सीलबंद वजूखाना का ASI सर्वेक्षण करने के लिए हिंदू पक्ष की याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति से भी जवाब मांगा है. इससे पहले जब ASI सर्वेक्षण किया गया था तब कथित तौर पर एक शिवलिंग मिला था जिसे मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया था.
हिंदू पक्ष ने किस बात का किया दावा?
बता दें कि ज्ञानवापी मामले में SC ने ASI और मस्जिद प्रबंधन समिति को नोटिस जारी किया है. SC ने यह आदेश हिंदू याचिकाकर्ताओं की याचिका पर दिया है. उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के ‘वजूखाना’ क्षेत्र का सर्वेक्षण ASI से कराने की मांग की है. हिंदू पक्ष ने इस बात का दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग मिला था.
मामलों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग
SC ने आज (22 नवंबर) को उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से संबंधित पंद्रह लंबित मामलों को इलाहाबाद HC में स्थानांतरित करने की मांग की गई है, ताकि उन पर एक साथ सुनवाई की जा सके. मौजूदा समय में वाराणसी जिला जज की अदालत में 9 मामले और सिविल जज सीनियर डिवीजन, वाराणसी की अदालत में 6 मामले चल रहे हैं.
मामले में वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि हमने आवेदन को सूचीबद्ध करने के लिए एक तात्कालिकता पत्र दिया था. बोर्ड पर जो सूचीबद्ध किया गया है वह हमारे अनुरोध के अनुसार है. जिस IA (अंतरिम आवेदन) को हम सूचीबद्ध करना चाहते थे वह 21555 है.
जस्टिस कांत ने कहा तो आप समान मुकदमों के एकीकरण की मांग कर रहे हैं? तो एक समय मैं वहां बेंच पर था. क्या याचिकाकर्ता की ओर से भी कभी कोई प्रार्थना की गई थी कि याचिकाओं को एक किया जाए.
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