Hamas Israel War News: साल 2023 से चल रहा इजरायल-हमास वॉर अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है। वहीं इस वॉर में सैकड़ों लोगों के घर उजड़ चुके हैं। दो देशों की इस लड़ाई ने पूरी दुनिया को इस समय संकट के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। जिसके बाद दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ना लाजमी है। इस सब के बीच अब इजरायल-हमास वॉर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। दायर याचिका में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों द्वारा इजरायल को हथियार दिए जा रहे हैं। जन पर रोक लगाई जानी चाहिए। इतना ही नहीं याचिकाकर्ताओं ने अपनी मांग में यह भी कहा कि गाजा में युद्ध लड़ रहे इजरायल को हथियार और सैन्य उपकरण उपलब्ध कराने वाली भारतीय कंपनियों का लाइसेंस रद्द किया जाना जाए।
वकील प्रशांत भूषण के साथ 11 लोगों ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के साथ 11 लोगों ने याचिका दायर की है। इसमें रक्षा मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है। याचिका में प्रशांत भूषण ने मांग की है कि केंद्र सरकार इजरायल को मिलिट्री इक्विपमेंट और आर्म्स सप्लाई करने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द करे और नई कंपनियों को लाइसेंस ना दे। इसी के साथ प्रशांत भूषण का कहना है कि वॉर क्राइम करने वाले देशों को हथियार सप्लाई किए जाने से इंटरनेशनल नियमों का उल्लंघन होगा। इसकी जांच किसी एक्सपर्ट से भी कराई जा सकती है। बता दें, फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में अभी इस याचिका की सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है।
ICJ ने 26 जनवरी को इजराइल के खिलाफ जारी किए थे नियम!
बता दें, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने 26 जनवरी को गाजा में हमले को लेकर इजराइल के खिलाफ कुछ नियम जारी किए थे। जिसमें इजराइल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ की जा रही हत्याओं और तबाही को रोकने का भी निर्देश शामिल था। इस निर्णय के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने एक बयान जारी किया जिसमें इजराइल को हथियार और सैन्य उपकरण प्रदान करने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया कि यदि इजराइल को हथियार दिए गए तो इसे मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन मानते हुए इसे जनसंहार और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों में शामिल किया जाएगा।