नई दिल्ली/डेस्क: क्या हो जब आप अपनी टीम पर सब कुछ न्योछावर कर दें, लेकिन एक दिन वही टीम आपको बिना किसी ठोस कारण के बाहर निकाल देती दे? जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ है हमारे स्टार खिलाड़ी हनुमा विहारी के साथ और उन्होंने खुद इंस्टाग्राम के जरिए अपना दर्द बयां किया है.
देखिये दरअसल हुआ ये था कि हनुमा विहारी रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश की कमान संभाल रहे थे, अब इस दौरान एक कप्तान होने के नाते आप मैच जीतने की पूरी कोशिश करते हैं, ऐसे में आप एक आधे खिलाड़ी को डांट भी देते हैं जिसमें कुछ निजी बात नहीं होती है.
अब हनुमा विहारी के साथ भी ऐसा ही हुआ, बंगाल के खिलाफ पहले मैच में टीम की कप्तानी के दौरान हनुमान ने टीम के 17वें खिलाड़ी को डांट लगा दी. अब ये खिलाड़ी एक राजनेता का बेटा था तो उसने इसकी शिकायत अपने पिता से की और इस राजनेता ने हनुमान से बोर्ड से इस्तीफा मांग लिया.
जिस खिलाड़ी को हनुमान ने डांटा था वह आगे आया और बोला, “मेरा नाम परुधावी राज है।” मैं वह खिलाड़ी हूं जिसकी आप सभी तलाश कर रहे हैं। लेकिन जो भी कहा जा रहा है वो बिल्कुल झूठ है. खेल मुझसे या किसी और से भी बड़ा है। हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था. आपको सहानुभूति लेने के बजाय गेम जीतने पर ध्यान देना चाहिए.’
अब इस घटना की सच्चाई क्या है ये तो पूरा सच सामने आने पर ही पता चलेगा लेकिन अगर इसमें थोड़ी सी भी सच्चाई है तो सोचिए जब विहारी जैसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को ये झेलना पड़ेगा तो जरा सोचिए सिस्टम कितना सड़ चुका है. जिसे बीसीसीआई को जल्द से जल्द ठीक करना होगा.
लेखक: करन शर्मा