Haryana Violence News: राजस्थान के दो लोगों की हत्या और जुलाई में नूंह में हिंसा भड़काने के मामले में वांछित चल रहे गोरक्षक मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने मंगलवार (12 सितंबर) को गिरफ्तार कर लिया है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे अदालत में पेश किया गया और उसकी हिरासत राजस्थान पुलिस को दे दी गई है। नूंह हिंसा मामले में सुबह करीब 10.30 बजे बजरंग दल कार्यकर्ता को गुरुग्राम जिले के मानेसर से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत की गई। मोनू मानेसर के पास से एक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद भी बरामद हुए हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच नूंह की जिला अदालत पहुंचा मोनू मानेसर
आधुनिक हथियारों से लैस पुलिसकर्मी करीब आधा दर्जन गाड़ियों के काफिले में मोनू मानेसर को नूंह जिला अदालत पहुंचा। अदालत ने मोनू मानेसर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। राजस्थान पुलिस ने अदालत को बताया कि मोनू मानेसर उनके राज्य के दो मुस्लिम पुरुषों की हत्या का मुख्य आरोपी है, जिनके शव फरवरी में हरियाणा में एक कार में पाए गए थे। हरियाणा पुलिस ने मानेसर की न्यायिक हिरासत की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है। अब उसे बुधवार को राज्य की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
नासिर और जुनौद की हत्या का भी आरोपी है मोनू मानेसर
राजस्थान के भरतपुर जिले के एक गांव के रहने वाले 25 वर्षीय नासिर और 35 वर्षीय जुनैद को 15 फरवरी को गोरक्षकों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। अगले दिन, उनके शव एक कार के अंदर पाए गए, जिसे हरियाणा के भीवानी जिले के लोहारू में आग लगा दी गई थी।
राजस्थान में भरतपुर के पुलिस अधीक्षक मृदुल कछावा ने कहा, “हरियाणा पुलिस में हमारे सहयोगियों ने हमें सूचित किया है कि मोनू मानेसर को हिरासत में लिया गया है। उनकी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद, हम अपनी प्रक्रिया शुरू करेंगे।”
नूंह हिंसा का मुख्य आरोपी है मोनू मानेसर
मानेसर पर जुलाई में हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा को भड़काने का भी आरोप है, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए थे। हिंसा 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ के दौरान शुरू हुई थी और फिर गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में फैल गई थी।
हिंसा से पहले सोशल मीडियो पर पोस्ट हुआ था एक वीडियो
यात्रा में मानेसर के शामिल होने की अफवाहों के कारण कथित तौर पर सांप्रदायिक झड़पें हुईं। हत्या के मामले में फरार चल रहे गौरक्षक ने जुलूस से कुछ दिन पहले एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह इसमें शामिल होगा। उस पोस्ट में मानेसर के द्वारा अपने समर्थकों से भी बड़ी संख्या में आने का आह्वान किया था।
इससे कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग नाराज हो गए, जिन्होंने इसे एक खतरे के रूप में देखा और सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गई। मानेसर के सहयोगी बिट्टू बजरंगी को भी पिछले महीने हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे जमानत दे दी गई थी।