रामपुर/हिमाचल प्रदेश: पर्वतीय क्षेत्रों में प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखा रखा है। उपरी शिमला और किन्नौर में कई स्थानों पर बाढ़ आने के कारण भारी नुकसान हुआ है। शिमला जिले के रामपुर बुशहर के ननखड़ी तहसील में इसका असर अधिक दिखने लगा है। कई मकान मलबे की चपेट में आ गए हैं। ननखरी का खडाहन कस्बा असुरक्षित हो गया है।
अधिक भूस्खलन होने के कारण दर्जनों दुकानें खाली कर दी गई है कुछ मकानों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। दोनों ओर मार्ग अवरुद्ध होने के कारण दुकानें खाली कर सामान इधर उधर ले जाना भी मुश्किल हो गया है। लोगों ने सरकार से जल्द मदद की गुहार लगाई है।
प्रशासन ने कुछ मकानों को असुरक्षित घोषित किया
खडाहन ग्राम पंचायत के प्रधान रमीला कैरों ने बताया कि, “वैसे तो आज कल पूरे प्रदेश में बरसात हो रही है, लेकिन हमारे इलाके में इसका ज्यादा असर हो रहा है। खासकर उनकी पंचायत में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। बस स्टैंड के पास बाजार था, जिसमें 20 मकान थे वह सब टूटने के कगार पर हैं। चार भवन तो ऐसे हैं जो कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं। प्रशासन ने कुछ भवनों को असुरक्षित घोषित कर दिया है।”
ननखड़ी अड्डू पंचायत के विजेंदर ने बताया कि, “वैसे तो यह सारे हिमाचल में बरसात के कारण त्राहि-त्राहि मची है, लेकिन उनके क्षेत्र में इसका काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा है। अड्डू पंचायत के कई गांव प्रभावित हुए। उनके गांव के लगभग 20 लोग घरों को छोड़कर दूसरों के यहां रह रहे हैं।”
खडाहन के शिशुपाल श्याम ने बताया कि, “इस बार बरसात बहुत अधिक हो रही है। बमनोली गाँव के आस-पास सड़क की जो ड्रेनेज चौक हुई है और सारा पानी वहां से उनके गांव की ओर आया। जिस कारण उनके भवन ढहने लगे हैं, उन्होंने दुकानें खाली कर दी है, लेकिन दोनों ओर मार्ग बंद हो जाने के कारण उनको सामान ले जाने में मुश्किल आ रही है। प्रशासन और सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।”
रिपोर्ट- मीनाक्षी