जिंदा थे फिर भी बताया मरा! डॉक्टर्स की लापरवाही पर मचा हंगामा

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Jhunjhunu doctor's negligence

Jhunjhunu doctor’s negligence: राजस्थान के झुंझुनू जिला मुख्यालय स्थित बीडीके अस्पताल में चिकित्सकों की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया. अस्पताल में एक जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित किया गया और शव को अंतिम संस्कार के लिए भी भेज दिया गया.

इस घटना (Jhunjhunu doctor’s negligence) के सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, सह चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश जाखड़ और डॉ. नवनीत मील को निलंबित कर दिया है.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि झुंझुनूं जिले के बगड़ स्थित मां सेवा संस्थान के एक आश्रय गृह में रहने वाले 47 वर्षीय रोहिताश की गुरुवार (21 नवंबर) दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ गई. वह मूक-बधीर और अनाथ था. उसकी बिगड़ी हुई तबीयत के कारण उसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया.

अस्पताल में इलाज के बाद, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया और दो से ढाई घंटे तक डीप फ्रिजर में रखा गया. उसके बाद शव का पंचनामा बनवाया गया और शव को परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद उसे श्मशान घाट ले जाया गया.

अचानक जब शव को चिता पर रखा गया, तो उसकी सांसें चलने लगीं और शरीर में हलचल दिखाई दी. यह देखकर आसपास मौजूद लोग घबरा गए और तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को फिर से अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल, वह बीडीके अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है.

जिला कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इस घटना के बाद जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा ने मामले की जांच के आदेश दिए और पीएमओ से रिपोर्ट मांगी. कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार महेंद्र मूंड और सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया भी अस्पताल पहुंचे.

प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की बैठक भी चली. बगड़ थानाधिकारी हेमराज मीणा ने भी मामले की जांच की पुष्टि की है. 

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