अभी जिंदा हैं जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर, हीथ स्ट्रीक

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नई दिल्ली/डेस्क: जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडर, हीथ स्ट्रीक, का बुधवार को 49 साल की आयु में निधन हो गया। वे चौथी स्टेज के कैंसर से लड़ रहे थे। प्रायः कुछ महीने पहले, जिम्बाब्वे के खेल मंत्री द्वारा उनके स्वास्थ्य की खबर सामने आई थी।

पहले तो हेनरी ओलंगा ने एक ट्वीट के माध्यम से स्ट्रीक के निधन की खबर को साझा किया, लेकिन फिर उन्होंने उसे डिलीट कर दिया और बताया कि स्ट्रीक जीवित हैं।

ओलंगा ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने स्ट्रीक से बात की है। यह स्पष्ट हो गया है कि स्ट्रीक की मौत की खबर गलत थी और वह अब भी हमारे बीच हैं।

वे क्रिकेट के मैदान में हमेशा चुनौतियों का सामना करते रहे हैं, उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार सफर रहा, जिसमें उन्होंने कई बड़े मोमेंट्स बनाए। आइए, उनके कैरियर पर एक नजर डालते हैं।

हीथ स्ट्रीक का खिलाड़ी जीवन

हीथ स्ट्रीक का अंतरराष्ट्रीय कैरियर नवंबर 1993 में शुरू हुआ था। उन्होंने पहला वनडे मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था, जो कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुआ था। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच दिसंबर 1993 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था।

वे एक उत्तम तेज गेंदबाज और साथ ही तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। 1990 से 2000 के बीच, जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम अंतरराष्ट्रीय मैदान में ऊंचाइयों को छूने में सफल रही और हीथ स्ट्रीक भी उस टीम का हिस्सा थे।

हीथ स्ट्रीक ने अपने खिलाड़ी जीवन में बहुत सारे महत्वपूर्ण प्रशंसापत्र बनाए। उन्होंने 65 टेस्ट और 189 वनडे मैच खेले, टेस्ट में उन्होंने 1990 रन बनाए और 216 विकेट लिए।

वही वनडे मैच में उनके 2943 रन और 239 विकेट थे। उनकी सबसे शानदार गेंदबाजी टेस्ट में 73 रन में 6 विकेट और वनडे में 32 रन में 5 विकेट के साथ थी। उन्होंने अपने करियर में सौरव गांगुली को चार बार और सचिन तेंदुलकर को तीन बार किया था।

कॅप्टेन्सी और संन्यास

खेल मंत्री और बड़े खिलाड़ियों के बीच विवाद की वजह से टीम में अनबन होने लगी थी। इससे कई सीनियर खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया था। इस समय, हीथ स्ट्रीक ने जिम्बाब्वे की कप्तानी संभाली और उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में अपना महतवपूर्ण योगदान दिया। वे टेस्ट में 200 विकेट पूरे करने वाले जिम्बाब्वे के पहले खिलाड़ी बने। हालांकि, साल 2004 में उनके और बोर्ड के बीच विवाद हुआ और उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। बाद में, उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया, जब उनकी उम्र सिर्फ 31 वर्ष थी।

कोच और विवाद

अपने खिलाड़ी जीवन के बाद, हीथ स्ट्रीक ने कोच के रूप में भी क्रिकेट की सेवा की। वे बांगलादेश और जिम्बाब्वे की टीमों के कोच रहे, और उन्होंने आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के कोचिंग स्टाफ के रूप में भी काम किया।

उन्होंने काउंटी क्रिकेट में समरसेट क्लब की भी कोचिंग की। कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच के तौर पर भी उन्होंने काम किया।

फिक्सिंग मामले में दोषी

2021 में, हीथ स्ट्रीक पर आंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने आरोप लगाए कि उन्होंने आंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के भ्रष्टाचार विरोधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। उन्होंने अपनी गलती को मानते हुए, माफ़ी भी मांगी थी, जिसके बाद उन्हें आठ साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने मैच फिक्सिंग नहीं की थी, लेकिन टीम की अंदरूनी जानकारी देने के बदले में पैसे लिए थे।

हीथ स्ट्रीक का क्रिकेट के क्षेत्र में योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उनके खिलाड़ी जीवन में विशेष बातें हैं, जिनका उन्होंने बहुत मानवीय तरीके से सामना किया। उनकी गेंदबाजी का जादू और उनके कोच के रूप में योगदान ने क्रिकेट को नए दिशानिर्देश दिए। उनकी यादें हमें हमेशा याद रहेंगी

लेखक: करन शर्मा