नई दिल्ली/डेस्क: इन दिनों सोशल मीडिया पर दुबई की कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें रेत के बीच बसे इस शहर (Dubai Flood) में झमाझम बारिश और फ्लैश फ्लड आते नज़र आ रहे हैं.
दुबई में 2 सालों की बारिश एक दिन में दर्ज की गई. दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में पिछले 24 घंटे में 160 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई. इस प्राकृतिक आपदा से लोगों की जिंदगियां रूक गई हैं. मेट्रो स्टेशन, मॉल, सड़कें,सार्वजनिक स्थानों सभी जगहों में पानी भर गया है. स्कूल बंद कर दिए गए हैं.
दुबई में त्राहिमाम कैसे?
अब सवाल ये उठता है कि यह आपदा आई कैसे? कैसे रेगिस्तान के बीच बसे इस शहर में भारी बारिश ने त्राहि-त्राहि मचा दी. कैसे उस शहर, जहां पानी की कमी रहती है वहां कैसे इस आपदा ने दस्तक दे दी?
दरअसल, पानी की कमी के चलते United Arab Emirates (UAE) सरकार आर्टिफिशियल रेन कराती है. सरकार यूएई में रेन इनहैंसमेंट प्रोग्राम चलाती है. इस अभियान को सफल और सही तरीके से चलाने का मौसम विभाग का है. इसके पीछे वैज्ञानिक हर बार United Arab Emirates के वायुमंडल का फिजिकल और केमिकल जांच करते हैं. जिसमें खासतौर से एयरोसोल और प्रदूषणकारी तत्वों की जांच होती है. इसके बाद क्लाउड यानी बादल बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
कैसे होती है Cloud Seeding?
आर्टिफिशियल रेन के लिए वैज्ञानिक आसमान में एक तय ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और साधारण नमक को बादलों में छोड़ते हैं. इसे क्लाउड सीडिंग कहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि आसमान में कम से कम 40 फीसदी बादल हों. जिनमें थोड़ा पानी मौजूद हो. क्लाउड सीडिंग में प्रॉब्लम तब आती है, जब बादलों में पानी की मात्रा या ह्यूमिडिटी की कमी हो. लेकिन ये काम दुबई में साउदर्न जेट स्ट्रीम ने पूरा कर दिया.
पहली बार यूएई ने क्लाउड सीडिंग 1982 में कराई गई थी. इस आपदा पर गल्फ स्टेट नेशनल सेंटर ऑफ मेटरोलॉजी ने जानकारी देते हुए बताया कि 15-16 अप्रैल को अल-ऐन एयरपोर्ट (Al Ain International Airport) से क्लाउड सीडिंग के विमान उड़े थे.
क्लाउड सीडिंग हुई गड़बड़
पिछले दो दिनों में इन विमानों ने सात बार उड़ान भरी. ऐसा लगता है कि क्लाउड सीडिंग गलत हो गया. जिसका खामियाजा यूएई से लेकर ओमान भुगत रहा है. क्लाउड सीडिंग इसलिए गड़बड़ हुई क्योंकि इसके साथ बहुत ज्यादा धूल के कण शामिल हो गए. जिससे ये आपदा आई है. इस बारिश (Dubai Flood) ने 75 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है.
लेखक- वेदिका प्रदीप