रायगढ़/महाराष्ट्र: मराठा कोटा (Maratha Quota) मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शुक्रवार (27 अक्तूबर) को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर कोई वादा पूरा नहीं कर सकते हैं, तो उनको किसी से कोई वादा नहीं करना चाहिए।
उनकी यह टिप्पणी मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे द्वारा बुधवार को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने के मद्देनजर आई है।
मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग
यहां पत्रकारों से बात करते हुए, पवार ने कहा कि जारांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण और अन्य मांगों पर दबाव डाला।
इस मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख ने मीडिया से कहा कि, “राज्य के मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों ने जारांगे और उनके समर्थकों साथ बातचीत की। मुझे नहीं पता कि उनकी क्या बातचीत हुई। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें 30 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था। बाद में इस अवधि को 10 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनका काम उस समय सीमा में पूरा हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर आप इसे पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, तो आपको एक शब्द भी नहीं बोलना चाहिए। “
राकांपा संस्थापक ने कहा कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने के लिए जारांगे को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
जारांगे (Jarange) इससे पहले मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा उनसे मुलाकात करने और मांगों पर विचार करने का आश्वासन देने के बाद 14 सितंबर को 17वें दिन उन्होंने विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया था। जारांगे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए सरकार के समक्ष 40 दिनों की समय सीमा तय की थी, जो 24 अक्टूबर को समाप्त हो गई।