कैसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर लड़की 3 साल में बन गई लड़का?

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नई दिल्ली/डेस्क: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर लड़की ने अपने आपको लड़की से लड़का बनाकर सबको चौंका दिया है। अब उसके चेहरे पर दाढ़ी-मूछ भी आ गई है। वह पूरी तरह से एक लड़का बन गई है। उसके सभी दस्तावेजों पर भी उसका नाम लड़की की जगह लड़का लिखा जाने लगा है।

उसे इसके लिए प्रशासनिक अनुमति भी मिल गई है। अब इस लड़की से लड़का बने युवक शिवाय सूर्ववंशी के घरवालों ने उसकी शादी के लिए लड़की ढूंढना भी शुरू कर दिया है।

स्वाती बनी शिवाय सूर्यवंशी

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर स्वाती सूर्यवंशी ने अपने जीवन में बड़ा बदलाव किया है। वह जेंडर चेंज करके खुदको लड़का बना चुकी है। उन्होंने एक विशेष सर्जरी करवाई, जिसकी अनुमति भी मिल गई थी, ताकि उनका नाम भी बदला जा सके।

स्वाती, जो बैतूल के संजय नगर कॉलोनी में रहती है, अब 30 साल की हैं और पूरी तरह एक लड़का बन गई हैं। उनकी बदलती विशेषताओं के कारण, अब कोई भी उन्हें उनके पहले रूप में पहचान नहीं सकता है। स्वाती ने अब अपने नाम को शिवाय सूर्यवंशी रख लिया है, और इसमें उनके परिवार की भी सहमति है।

बचपन से ही थी लड़का बनने की इच्छा

स्वाती ने बताया कि उन्हें बचपन से ही एक लड़के की तरह जीने की इच्छा थी। उन्हें खुद में भी लड़कों जैसी फीलिंग आती थी। एक दिन, सोशल मीडिया पर उन्होंने एक वीडियो देखा, जिसमें एक लड़की लड़का बनकर बॉडी बिल्डर बना था। इससे उन्हें यकीन हो गया कि वे भी लड़का बन सकती हैं। शिवाय ने बताया कि जेंडर चेंज करने के लिए तीन कदम होते हैं, जिन्हें पूरा करके व्यक्ति अपने लिंग को बदल सकता है।

तीन साल का समय और करीब 10 लाख का खर्च आया

स्वाती ने लड़का बनने के लिए सर्जरी दिल्ली में करवाई, जिसकी शुरुआत 2020 में हुई। इसके बाद, उन्होंने तीन साल के अंदर तीन बार सर्जरी करवाई, और अब 2023 में वे पूरी तरह से लड़का बन गई हैं। इस सर्जरी में कुल खर्च लगभग 10 लाख रुपए आया है।

स्वाती को बचपन से ही लड़कों के तरह रहना पसंद था। उन्हें स्कूल में भी लड़कों के साथ खेलना और समय बिताना अधिक आकर्षित करता था, और उनको लड़कियों के साथ बैठना-उठना पसंद नहीं आता था। अब वह पूरी तरह से एक लड़का बन गई हैं, इसलिए उनका परिवार अब उनके लिए एक लड़की की तलाश में हैं, ताकि वह शिवाय से शादी कर सकें। शिवाय का एक भाई भी है, जिसका नाम कृष्णा है, और वह भी अपनी बहन के इस फैसले से खुश हैं।

लेखक: करन शर्मा