Bhartruhari Mahtab: भाजपा सांसद भृतहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) बनाया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बताया कि सात बार के लोकसभा सदस्य भृतहरि महताब नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे और लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में काम करेंगे।
हालांकि भृतहरि महताब के नाम पर विवाद भी हो गया है और कांग्रेस ने महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाने को लेकर संसदीय मानदंडों का उल्लंघन बताया। इस खबर के बीच स्वभाविक है कि यह सवाल उठे कि प्रोटेम स्पीकर कौन होते हैं, क्या उनके काम होते हैं और उन्हें चुनने की प्रक्रिया क्या है। इस खबर में हमने इन्हीं बुनियादी सवालों के जवाब देने की कोशिश की है।
आखिर कैसे होता है प्रोटेम स्पीकर का चुनाव
देश के संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली के अनुसार, नई लोकसभा द्वारा जब तक स्पीकर की नियुक्ति नहीं की जाती है, तब तक स्पीकर की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए राष्ट्रपति सदन के ही किसी वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते हैं। नई लोकसभा के सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाना ही प्रोटेम स्पीकर का प्राथमिक कामों में से एक है। नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा तीन अन्य लोकसभा सांसदों को भी सांसदों को शपथ दिलाने के लिए नियुक्त किया जाता है।
कांग्रेस ने नए प्रोटेम स्पीकर पर खड़े किए सवाल
जैसे ही संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भृतहरि महताब के नाम का एलान किया, वैसे ही कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश सबसे वरिष्ठ सांसद हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए, जबकि महताब सात बार के ही सांसद हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वरिष्ठता की अनदेखी कर भाजपा संसदीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने संसद में अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए
लेखक – आयुष राज