CM नीतीश के पूर्व PM वाजपेयी से कैसे थे संबंध? रैली में साझा की पुरानी यादें…

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को आरा में एक रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वाजपेयी ने उन्हें दशकों पहले मुख्यमंत्री बनाया था. नीतीश ने कहा, “मैं दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में मंत्री था. वे मुझे बहुत पसंद करते थे. उन्होंने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था.”

राज्य में अमन-चैन पर जोर

नीतीश कुमार ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “हमने राज्य में सभी समुदायों के लिए काम किया है और झगड़े व भेदभाव को समाप्त किया है.” उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके सत्ता में आने से पहले राज्य में सांप्रदायिक झड़पें होती थीं, परंतु उनकी सरकार में सभी समुदायों का ध्यान रखा गया.

सभी वर्गों के विकास का दावा

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हिंदू, मुस्लिम, ऊंची जातियों, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, और महादलित सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम किया है. नीतीश ने मदरसों को सरकारी मान्यता देने और मुस्लिम समुदाय के शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बराबर वेतन देने की बात कही.

एनडीए में फिर से वापसी

बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) वर्तमान में एनडीए की प्रमुख सहयोगी है. जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन समाप्त कर फिर से एनडीए में वापसी की. लेकिन यह कोई नई बात नहीं है. क्योंकि नीतीश का एनडीए के साथ संबंध समय-समय पर बदलता रहा है. उन्होंने 2013 में भाजपा से दूरी बनाई थी, लेकिन 2017 में फिर से गठबंधन किया. 2022 में एक बार फिर महागठबंधन में शामिल हुए और अब इस वर्ष वापस एनडीए में लौट चुके हैं.

आरजेडी का पलटवार

मुख्यमंत्री के बयान पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री रहते 3.5 लाख लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे. अगर यह गलती है, तो हम ऐसी गलती बार-बार करेंगे ताकि बिहार के लोगों को फायदा हो.” भारती ने सवाल उठाया कि नीतीश ने खुद कितने नियुक्ति पत्र बांटे हैं और उन पर बार-बार हमला कर क्या साबित करना चाहते हैं.