इब्राहिम रईसी का धर्म से लेकर राजनीति तक का सफर

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Iran President Ebrahim Raisi
Iran President Ebrahim Raisi

नई दिल्ली/डेस्क: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी हेलिकॉप्टर में काफिले के साथ अजरबैजान से लौट रहे थे. कल 19 मई को यानि रविवार को तुर्की ड्रोन के जरिए इस बात का पता चला था कि उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है. काफिले में मौजूद मंत्री औऱ अधिकारी तो सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए लेकिन राष्ट्रपति रईसी ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.

17 घंटे बाद आई मौत की खबर

आपक बता दें, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के पहाड़ी इलाके में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर के मलबे तक पहुंचने के लिए बचाव दल रात भर बर्फीले तूफान के बीच संघर्ष करते रहे. तब सोमवार को रेस्क्यू टीम घटनास्थल तक पहुंच सकी. खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में करीब 17 घंटे लग गए.

मौत का कारण

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआती कारण खराब मौसम को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से इस हेलिकॉप्टर की ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई. बताया जा रहा है कि ये हादसा घने कोहरे के चलते हुआ है. बता दें कि 63 वर्षीय इब्राहिम रईसी 2021 में ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे.

अपना पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने नैतिकता कानूनों यानि Morality Laws को कड़ा करने का आदेश दिया था. उनके कार्यकाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की. रईसी ने विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ परमाणु वार्ता के दौरान ईरान को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए कड़ी मेहनत की.

राष्ट्रपति का जन्म

आपको बता दें कि ईरान के राष्ट्रपति का जन्म 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के मशहद शहर में हुआ था. उनके पिता एक मौलवी थे. उनके पिता का निधन तभी हो गया था जब इब्राहिम 5 साल के थे.

इब्राहिम को बचपन से ही धर्म और राजनीति में दिलचस्पी थी. अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए उन्होंने 15 साल की उम्र से ही कोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी. अपने छात्र जीवन में उन्होंने पश्चिमी देशों से समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.

‘डेथ कमेटी’

इस्लामिक क्रांति के बाद उन्होंने न्यायपालिका में काम करना शुरू किया और कई शहरों में वकील के तौर पर काम किया. इस दौरान उन्हें ईरानी गणतंत्र के संस्थापक और साल 1981 में ईरान के राष्ट्रपति बने अयातोल्ला रुहोल्ला खुमैनी से प्रशिक्षण भी मिल रहा था. रईसी जब महज 25 साल के थे तब वो ईरान के डिप्टी प्रोसिक्यूटर (सरकार के दूसरे नंबर के वकील) बन गए. बाद में वो जज बने और साल 1988 में बने उन खुफिया ट्रिब्यूनल्स में शामिल हो गए जिन्हें ‘डेथ कमेटी’ के नाम से जाना जाता है.

लेखक- वेदिका प्रदीप