IC 814: The Kandahar Hijack: हर पल मंडरा रही थी मौत, खौफ में बीते 8 दिन, क्या है कंधार हाईजैक की पूरी कहानी?

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IC 814: The Kandahar Hijack: “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा।” एक ऐसी कविता जो हर किसी को जोश से भर दे। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कभी भी स्वतंत्र भारत का सिर झुकने नहीं दिया, लेकिन 24 दिसंबर 1999 को वे भी बेबस नजर आए। जानेंगे कि आखिर क्यों बेबस थे अटल बिहारी वाजपेयी?

क्या है कंधार हाईजैक की पूरी कहानी?

ये कहानी नेपाल के काठमांडू से नहीं बल्कि पाकिस्तान से शुरू होती है, क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 को हाईजैक करने के लिए पाकिस्तान ने अपने एयरपोर्ट से कुछ आतंकियों को बम, हैंड ग्रेनेड और पिस्तौल के साथ भेजा था। यानी पाकिस्तान ने अपने एयरपोर्ट से आतंकियों को भेजा और विमान काठमांडू में उतरा।

आमतौर पर अगर आप किसी भी एयरपोर्ट से आ रहे हैं, तो आपकी पूरी जांच पहले से ही हो चुकी होती है। इसीलिए काठमांडू एयरपोर्ट ने जांच नहीं की और आतंकी मौका मिलते ही एयर इंडिया के विमान में सवार हो गए और उसे हाईजैक कर लिया।

बंदूक की नोक पर फ्लाइट को दिल्ली की जगह अमृतसर ले जाया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विमान का ईंधन खत्म हो रहा था और आतंकियों का मकसद इसे पाकिस्तान ले जाना था। फ्लाइट कुछ समय के लिए अमृतसर में रुकी और भारत सरकार अपने देश में होते हुए भी कुछ नहीं कर सकी। अगर भारत सरकार चाहती तो अपने सबसे खतरनाक कमांडो को भेजकर इन आतंकियों को उड़ा सकती थी, लेकिन भारत सरकार ने सुरक्षित खेलने के कारण इन आतंकियों के सामने घुटने टेक दिए थे।

हर पल मंडरा रही थी मौत, खौफ में बीते 8 दिन

ईंधन भरने के बाद आतंकीI 814 विमान को लाहौर ले गए। लेकिन पाकिस्तान ने विमान को उतारने से मना कर दिया। क्योंकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फंस जाता। ईंधन भरने के बाद विमान को अफगानिस्तान ले जाया गया, जहां बिजली की समस्या थी। विमान रात में उड़ नहीं सकता था, इसलिए इसे दुबई ले जाया गया। आखिर में विमान को यूएई के अल मिन्हा एयर बेस पर उतारा गया।

दुबई में रात भर इंतजार करने के बाद सुबह विमान को अफगानिस्तान ले जाया गया। जब विमान को हाईजैक किया गया, तो उसमें 176 यात्री सवार थे, जिनमें से कुछ विदेशी थे। 27 यात्रियों को अल मिन्हा एयर बेस पर छोड़ दिया गया और विमान सीधे अफगानिस्तान के कंधार के लिए रवाना हो गया।

विमान अपहरण का उद्देश्य भारत में कैद मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई सुनिश्चित करना था। विमान अपहरण करने वाले आतंकवादियों के नाम इब्राहिम, अख्तर शाहिद, अख्तर सईद, सनी अहमद, काजी मिस्त्री, जुहूर इब्राहिम और शाकिर थे। यह भारत सरकार की ऐसी विफलता थी जिसे लाख कोशिश करके भी नकारा नहीं जा सकता क्योंकि इस अपहरण में रिहा हुए आतंकवादियों ने बाद में संसद, ताज होटल और पुलवामा पर हमले किए।