असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को झारखंड के नेताओं पर तीखा हमला किया, और राज्य के लोगों से आह्वान किया कि वे आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे भ्रष्ट नेताओं को बाहर करें, ठीक वैसे ही जैसा कि भाजपा ने अयोध्या से बाबर को बाहर निकाला था. सरमा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह वोट बैंक की राजनीति के तहत हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है और इसी कारण झारखंड के लोग इसे नकारते हुए एकजुट हो जाएं.
कांग्रेस पर जमकर बोला हमला!
सरमा ने कहा, “हम आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे लोगों को बाहर निकाल देंगे, जिन्होंने झारखंड को लूटा. यह ठीक उसी तरह होगा जैसे हमने अयोध्या से बाबर को बाहर निकाला था.” उन्होंने राज्य की बहुसंख्यक आबादी से अपील की कि वे कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा न बनें.
बता दें कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम वर्तमान में करोड़ों रुपये के धन शोधन मामले में जेल में हैं, जबकि इरफान अंसारी को हाल ही में भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. सरमा ने इन नेताओं के खिलाफ राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया और आरोप लगाया कि सरकार इरफान अंसारी जैसे लोगों को बचा रही है.
बांग्लादेशी घुसपैठ पर चेतावनी
साथ ही, सरमा ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर भी चिंता जताई. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य में इस पर नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. रांची में भाजपा की एक रैली में उन्होंने कहा, “कांग्रेस अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदुओं को बांटना चाहती है. याद रखें, ‘एक रहोगे तो सुरक्षित रहोगे’.”
वहीं, उन्होंने भाजपा के खिलाफ वोट देने को घुसपैठियों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति देने जैसा बताया, जिससे महिलाओं और परिवारों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
कल्पना सोरेन पर आरोप
एक अन्य रैली में सरमा ने झारखंड की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि वह महिलाओं के अधिकारों की बात तो करती हैं, लेकिन राज्य में बढ़ती बलात्कार, हत्याएं और अन्य अपराधों की अनदेखी कर रही हैं. सरमा ने कहा, “कल्पना सोरेन महिलाओं के अधिकारों पर पाखंड कर रही हैं, जबकि झारखंड में 7,700 बलात्कार, 8,000 हत्याएं और 6,900 अपहरण की घटनाएं हो चुकी हैं.”
उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड में भाजपा और एनडीए की सरकार का गठन महिलाओं के सम्मान, युवाओं के रोजगार और राज्य से घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए जरूरी है.
चुनाव का माहौल गरमाया
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले दौर की मतदान 13 और 20 नवंबर को होने वाले हैं, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी. ऐसे में यह बयान राज्य में राजनीतिक तापमान को और गर्म कर सकता है, जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच जोरदार संघर्ष देखने को मिल रहा है.