Mangla Gauri Vrat 2024: सावन में मंगला गौरी व्रत का महत्व, तिथियां और पूजा विधि, जानें मंगल को ही क्यों होता है ये व्रत?

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Mangla Gauri Vrat 2024: वैसे तो मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है, लेकिन सावन के मंगलवार (Sawan Mangalwar) का विशेष महत्व है। सावन में सोमवार शिव जी को समर्पित है, जबकि मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन को मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है।

मंगला गौरी व्रत 2024 में कब है?

  • पहला मंगला गौरी व्रत: 23 जुलाई 2024
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत: 30 जुलाई 2024
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत: 6 अगस्त 2024
  • चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत: 13 अगस्त 2024

मंगला गौरी व्रत का महत्व

इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं। इस व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है। नवविवाहित दुल्हनें भी इस दिन शिव गौरी और हनुमान जी की पूजा उपासना करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत से पति-पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

मंगला गौरी व्रत मंत्र

कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्।
नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्।।

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि

मंगलवार को सुबह जल्दी उठकर नहाएं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें। इसके बाद व्रत करने का संकल्प लें। देवी मंगला गौरी (पार्वती जी) की मूर्ति को लाल कपड़े पर स्थापित करें। पूजा में फूल मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग सामग्री, 16 चूड़ियाँ और मिठाई चढ़ाई जाती हैं। सभी चीजें सोलह की संख्या में चढ़ाई जाती हैं। मान्यता है कि यह व्रत सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान प्रदान करता है।