Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में खड़गे ने बजट को बताया कुर्सी बचाने वाला, सीतारमण ने दिया करारा जवाब

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Parliament Monsoon Session: बुधवार (24 जुलाई) को संसद में आम बजट को लेकर जोरदार हंगामा देखा गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे कुर्सी बचाने वाला बजट करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, और ओडिशा को कुछ नहीं मिला। खड़गे के आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने अपने सभी बजट भाषणों में सभी राज्यों का नाम लिया था?

केवल बिहार और आंध्र प्रदेश को ही मिला फंड- विपक्ष

मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के तीसरे दिन विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इस बजट में केवल दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश को ही फंड दिया गया, जबकि बाकी राज्यों को कुछ खास नहीं मिला। सीतारमण ने इस आरोप को ‘अपमानजनक’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों के मन में यह धारणा गढ़ने की ‘जानबूझकर कोशिश’ कर रही है कि दूसरे राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है।

बजट में हर राज्य का नाम नहीं लिया जा सकता: सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ‘आप अपना हर बजट भाषण हमें दिखाइए कि आपने अपने समय में हर राज्य का नाम लिया था। हमने अपने बजट भाषण में सभी राज्यों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने उन राज्यों के लिए बजट में कुछ नहीं रखा है।’

महाराष्ट्र को 6000 करोड़ रुपये पर भाषण में जिक्र नहीं

वित्त मंत्री ने कहा, ‘बजट भाषण में मैंने कई राज्यों के नाम नहीं लिए, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें कुछ नहीं मिला। महाराष्ट्र को हमने 6000 करोड़ रुपये दिए, लेकिन भाषण में इसका जिक्र नहीं किया।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल को 10 साल में कई योजनाएं दी गईं, लेकिन बंगाल ने केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया। निर्मला सीतारमण के इस आरोप पर बंगाल की सांसद भड़क गईं और फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया।

विपक्ष का विरोध और वॉकआउट

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर आरोप लगाया, ‘कुर्सी बचाने के लिए यह सब हुआ है… हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करेंगे। इंडिया गठबंधन के सभी दल इसका विरोध करेंगे… अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?’ इसके बाद विपक्षी दल के सभी सदस्य राज्यसभा से वॉकआउट कर गए।