Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामले में शुक्रवार (25 अक्टूबर) को हिंदू पक्ष को सिविल जज सीनियर डिवीजन के फास्ट ट्रैक कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे नहीं होगा. हिंदू पक्ष की याचिका में पूरे ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे कराने की मांग की गई थी, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
एक बार फिर से चर्चा का विषय बना ज्ञानवापी मस्जिद
वहीं कोर्ट के इस आदेश (Gyanvapi Case) के बाद से ही यह मामला एक बार फिर से चर्चा का विषय बन चुका है. कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के मुख्य वकील विजय शंकर रस्तोगी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
विजय शंकर रस्तोगी ने क्या कहा?
विजय शंकर रस्तोगी ने कहा, हमारी ओर से दी गई अतिरिक्त सर्वेक्षण के आवेदन को रद्द कर दिया गया है. अब हम इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे. हमारी मांग थी कि पहले ASI ने अधूरा सर्वेक्षण किया. मुझे ऐसा लगता है कि कोर्ट ने HC के आदेशों का पालन नहीं किया. HC ने इस कोर्ट को निर्देशित किया था कि यदि 4 अप्रैल 2021 के मुताबिक, पूर्व में दाखिल की गई ASI की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है, तो अतिरिक्त सर्वे मांगने का अधिकार है. इस आदेश का उल्लंघन किया गया है. हम इस आदेश की कॉपी लेकर हाई कोर्ट जाएंगे.
क्या है मामला?
बता दें कि मामला 33 साल पुराना है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 1991 में दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया. इसे 33 साल पहले स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से पंडिच सोमनाथ व्यास, डॉ. रामरंग शर्मा और पंडित हरिहर नाथ पांडे ने पूरे परिसर की ASI सर्वे कराने की मांग की थी. हालांकि तीनों की मौत हो चुकी है. उनकी जगह पर वादी विजय शंकर रस्तोगी हैं. सर्वे की मांग कराने वाली याचिका पर लगभग 8 महीने से फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की जा रही थी.
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