Independence Day 2024: बहुजन समाज पार्टी यानी BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 78वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई दी। बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस की देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें, किन्तु आज का दिन यहां के लगभग 140 करोड़ बहुजनों के लिए तभी विशेष होगा जब वे दरिद्रता से मुक्त अपने परिवार का जीवन खुश व खुशहाल पायेंगे और जिससे देश का मान-सम्मान बढ़ेगा। लेकिन यह तब ही संभव है जब खासकर केन्द्र व यूपी सरकार की सोच “हर हाथ को काम देने वाली” सही संवैधानिक अर्थात् सच्ची अम्बेडकरवादी होगी जैसा कि उत्तर प्रदेश में चार बार रही बी.एस.पी. की सरकार में करके दिखाया गया।
“करोड़ों लोगों को दाल-रोटी नहीं मिल पा रही”
स्वतंत्रता दिवस के सम्बंध में भाजपा व इनकी यूपी सरकार द्वारा बहु-प्रचारित “हर घर तिरंगा” के तहत “आइए, मिलकर तिरंगा फहराए, देशभक्ति की अलख जगाएं स्लोगन वाले भारी भरकम प्रचार व विज्ञापनों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने इसे राजनीति से अधिक प्रेरित ज्वलन्त समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास बताया। क्योंकि देश के लोगों में देशभक्ति की भावना की रत्ती भर भी कोई कमी नहीं है, बल्कि उनकी देशभक्ति का ही परिणाम है कि अपार गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि के कारण करोड़ों लोगों को दाल-रोटी भी सही से नहीं मिल पा रही है फिर भी वे सभी गरीब व मेहनतकश लोग देश की तरक्की व विकास में पूरे तन, मन, धन से लगातार संघर्षरत हैं।
“BJP न करे मजाक उड़ाने का काम”
उनमें “देशभक्ति की अलख जगाने आदि जैसे भावनात्मक स्लोगनों के जरिए भाजपा उनकी गरीबी, मेहनतकश जीवन, ईमानदारी एवं कर्मठता का मजाक न उड़ाए तो बेहतर। बेहतर तो यह होगा कि भाजपा व उनकी केन्द्र व यूपी की सरकार गरीबों व पिछड़े बहुजनों के पक्ष में अपनी नीयत व नीति में जरूरी सुधार लाकर उनको रोजगार के ज्यादा से ज्यादा के अवसर प्रदान करे ताकि वे सरकार के थोड़े से आनाज की कृपा पर आश्रित रहने के बजाय अपना जीवन आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के साथ जीने योग्य बना सके और इस क्रम में सबसे पहले गरीब निर्दोष स्वरोजगार पर निर्भर लोगों आदि को बुलडोजर बलाकर व उन्हें उजाड़ना बन्द करे। वे छोटी व मध्यम पूंजी वाले करोड़ों लोग वास्तव में देश के विकास के सच्चे वाहक बने हुए हैं।
“गरीब लगातार गरीब है”
मायावती ने कहा कि, “सरकार देश की अर्थव्यवस्था के विकास का दावा करते नहीं थकती है। किन्तु अगर गरीब लगातार गरीब है और मेहनतकश समाज के लोगों की कमाई नहीं बढ़ रही है तथा देश में प्रति व्यक्ति आय भी बहुत कम है तो फिर भाजपा के ऐसे दावे हवा-हवाई नहीं तो फिर और क्या है? अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया का रिकार्ड स्तर पर गिरता भाव आत्मनिभर्रता को प्रभावित करता है, जिस पर भी समुचित ध्यान देना जरूरी।”
उन्होंने कहा कि, “वास्तव में आज देश की पहली जरूरत “हर हाथ को काम देने’ वाली ईमानदार नीयत व नीति बनाकर उस पर दिल-जान से काम करने की है, जैसा कि यूपी में बी. एस.पी. की चार बार रही सरकारों में करके भी दिखाया जा चुका है, लेकिन यह तभी संभव है जब बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के इशारे पर नहीं बल्कि सही अम्बेडकरवादी संवैधानिक सोच के हिसाब से कार्य किया जाए। स्वतंत्रता का सही अर्थ है लोगों के जीवन स्तर में जरूरी सुधार, जिसके लिए सरकार को संविधान के प्रति पूरी तरह से जिम्मेवार होकर भावनात्मक मुद्दों के जरिए लोगों का ध्यान भटकाने के बजाय, वास्तव में कल्याणकारी सरकार (welfare state) की भूमिका निभानी चाहिए।”