Independent Candidates Of Bihar: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का चुनाव समाप्त हो चुका है, बिहार की 14 सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो चुका है। बाकि के 26 सीटों पर अगले चार चरणों में चुनाव होंगे, जिसे लेकर सभी प्रत्याशी जोर आजमाईस में हैं। बिहार में इस बार कई निर्दलीय प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है, भोजपुरी स्टार से लेकर आईपीएस और कुख्यात बाहुबली तक इस बार चुनावी मैदान में हैं। आइये आज आपको ऐसे ही कुछ बड़े और नामी बिहार के निर्दलीय प्रत्याशियों के बारे में बताते हैं –
पवन सिंह
भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह इस बार बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। पवन सिंह को बीजेपी ने पहले बंगाल के आसनसोल सीट से टिकट दिया था लेकिन कुछ कारणवश पवन सिंह ने टिकट लौटा दिया। इसके बाद पवन सिंह चाहते थे कि उनको अपने गृह जिला आरा लोकसभा से बीजेपी टिकट दें लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब पवन सिंह आरा से सटे काराकाट सीट से ताल ठोक रहें हैं। यहां उनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा से होगा।
आईपीएस आनंद मिश्रा
आनंद मिश्रा की पहचान एक तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी की रही है। आनंद मिश्रा असम कैडर के आईपीएस अधिकारी रहें हैं और वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने आएं हैं। आनंद मिश्रा मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिला के रहने वाले हैं। आनंद मिश्रा को उम्मीद था कि बीजेपी उन्हें बक्सर सीट से टिकट देगी लेकिन बीजेपी ने वहां से गोपालगंज के रहने वाले मिथलेश तिवारी को मैदान में उतारा है। बता दें कि बाहरी प्रत्याशी के मसले पर बीजेपी का खूब विरोध भी हो रहा है।
पप्पू यादव
बिहार का पूर्णिया लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना रहा। इस सीट से कांग्रेस नेता पप्पू यादव निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव ने चुनाव लड़ने से पहले ही अपने पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय किया था लेकिन इंडिया गठबंधन ने इस सीट को आरजेडी को दे दिया। जिसको लेकर पप्पू यादव ने बगावत करते हुए इस सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। बता दें कि पप्पू यादव की इस इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इस सीट पर चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं।
हिना शहाब
कुख्यात बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब इस बार सिवान सीट से निर्दलीय मैदान में हैं। हिना शहाब ने आरजेडी से किनारा करते हुए इस अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है। जिनका मुकाबला आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी और जेडीयू की विजयलक्ष्मी से होना है। इस इलाके में शहाबुद्दीन की अच्छी पकड़ मानी जाती है यही कारण है कि दोनों दलों के लिए सिवान सीट इतनी आसान नहीं होने वाली है
लेखक – आयुष राज