अखिलेश यादव के इस बयान के बाद क्या टूट जाएगा INDIA गठबंधन? BJP मौके को भुनाने में जुटी!

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नई दिल्ली: जिस INDIA गठबंधन के बनते ही बीजेपी की नींद उड़ने लगी थी। बीजेपी आज उसी गठबंधन को ठगबंधन बताकर मध्यप्रदेश में अपनी कुर्सी बचाने में जुटी है। बीजेपी मध्यप्रदेश में INDIA गठबंधन पर ऐसी ही सवाल नहीं उठा रही है। इसके पीछे की बजह है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों की एक के बाद एक लिस्ट का जारी होना और उसके बाद सपा अध्यक्ष का INDIA गठबंधन को धोखेबाज कहना।

सपा के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा कांग्रेस को देखने को मिलेगा- अखलेश यादव

जैसे ही कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए लिस्ट जारी की, वैसे ही सपा के सब्र का बांध टूट गया। जिसपर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें समाजवादी पार्टी की पूरी रिपोर्ट दिखाई।

रात 1 बजे तक समाजवादी पार्टी के नेताओं को उन्होंने जगाया और आश्वासन दिया कि हम 6 सीटों पर विचार करेंगे। लेकिन जब सीटें घोषित की गईं, तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर INDIA का कोई गठबंधन नहीं है, तो हम उसमें कभी मिलने नहीं जाते। समाजवादी पार्टी के साथ जैसा व्यवहार होगा वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को मिलेगा।”

कांग्रेस के इस फैसले के बाद सपा प्रमुख ने यह बात साफ-साफ कहते दिखे कि अगर गठबंधन नहीं है तो हम स्वीकार करते हैं। अगर गठबंधन उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए है तो हम उसपर विचार करेंगे। अखिलेश यादव के इस बयान के साथ एक बात साफ दिखने लेगी है कि कांग्रेस क्षेत्रिय पार्टियों के साथ ऐसा करेगी, तो 2024 के आम चुनाव में INDIA गठबंधन पर इसका भारी असर देखने को मिल सकता है।

दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती- सीएम शिवराज सिंह चौहान

जिस INDIA गठबंधन ने बीजेपी की नींद को उड़ा दिया हो और उसपर हमले के लिए अगर बीजेपी की एक भी मौका मिले तो वो शायद ही पीछे हटे। ठीक ऐसा ही देखने को मिला है। INDIA गठबंधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोलते हुए कहा है कि, “दिल्ली में दोस्ती और राज्यों में कुश्ती, ऐसा कहीं होता है? उन्होंने आगे कहा कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक साल तक धोखे में रखा।

जिन शब्दों का प्रयोग उन्होंने (अखिलेश यादव) किया है, उससे उनके मन की स्थिति को समझा जा सकता है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस, सपा और AAP तीनों लड़ रहे हैं। ये किस बात का गठबंधन है? जनता आश्चर्य के साथ इस गठबंधन को देख रही है कि आज जब ये आपस में लड़ रहे हैं, तो इनके हाथों में देश का भविष्य कैसे होगा?”

बात दें कि मध्य प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव होना हैं। मतदान 17 नवंबर को होगा और मतगणना 3 दिसंबर को होगी। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के लिए 15 अक्टूबर को 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का भी नाम शामिल था। उन्हें छिंदवाड़ा से प्रत्याशी बनाया गया है।

दूसरी लिस्ट जारी होने पर कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ”कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी आज की दूसरी सूची में 88 प्रत्याशियों का नाम जारी कर दिया है। मैं सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देता हूं। हमारे प्रत्याशी सिर्फ विधायक बनने के लिए ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के भविष्य को संवारने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं।”