India-Canada: कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर लगाए भारत पर गंभीर आरोप, बौखलाहट में दे दिया बड़ा बयान!

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India-Canada: पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से India-Canada के रिश्ते में तनाव दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है. कनाडा सरकार द्वारा खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप और विवादित बयानों के बाद से यह विवाद इतना बढ़ गया है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के छह-छह डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया है.

इन सब के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत पर एक बार फिर सिलसिलेवार आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि “जैसा कि RCMP आयुक्त ने पहले कहा था, उनके पास स्पष्ट और ठोस सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में लगे हुए हैं और लगे रहेंगे. इसमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को लक्षित करने वाला बलपूर्वक व्यवहार और हत्या सहित एक दर्जन धमकी देने और उल्लंघन करने वाले कृत्यों में शामिल होना शामिल है. यह अस्वीकार्य है.”

जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर सहयोग न करने का लगाया आरोप

उन्होंने आगे कहा, “RCMP और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों द्वारा इस मामले पर भारत सरकार और भारतीय कानून प्रवर्तन समकक्षों के साथ काम करने का प्रयास किया गया है, लेकिन भारत सरकार ने बार-बार मना कर दिया है. यही कारण है कि इस सप्ताह के अंत में कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया, उन्होंने RCMP साक्ष्य साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि भारत सरकार के 6 एजेंट आपराधिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले व्यक्ति हैं. भारत सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने सहयोग न करने का निर्णय लिया.”

कनाडा भारत की संप्रभुता का सम्मान करता है-ट्रूडो

इसी के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आगे कहा कि, “मैं पिछले वर्ष की घटनाओं को जानता हूं और आज के खुलासों ने कई कनाडाई लोगों, विशेषकर इंडो-कैनेडियन और सिख समुदाय को हिलाकर रख दिया है. आपमें से बहुत से लोग क्रोधित, व्यथित, भयभीत हैं, मुझे यह समझ आ गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
कनाडा-भारत का एक लंबा इतिहास है जो लोगों से लोगों के संबंधों, व्यापार और कारोबार पर आधारित है. लेकिन हम अभी जो देख रहे हैं, उस पर कायम नहीं रह सकते. कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगी. प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उन लोगों को आश्वासन दूं जो महसूस कर रहे हैं कि सुरक्षा से समझौता किया गया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्रवाई करना मेरी जिम्मेदारी है.”