भारत को मिल रहा चीन का स्थान: नोमुरा की रिपोर्ट

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दुनिया की प्रमुख कंपनियां ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए चीन के विकल्प की तलाश में हैं, और इस बदलाव का बड़ा लाभ भारत को मिलता दिख रहा है। नोमुरा द्वारा जारी रिपोर्ट में ‘चाइना प्लस वन स्ट्रेटेजी’ के तहत 130 कंपनियों के साथ किए गए सर्वेक्षण का हवाला दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि वैश्विक कंपनियां चीन के बाहर अन्य देशों में अवसर ढूंढ रही हैं। इस प्रक्रिया में भारत सबसे प्रमुख लाभार्थी बनता नजर आ रहा है, इसके बाद वियतनाम और मलेशिया का स्थान आता है।

2030 तक भारत के एक्सपोर्ट्स में वृद्धि

नोमुरा के एशियाई अर्थशास्त्री सोनल वर्मा और ऑरोदीप नंदी की टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत के एक्सपोर्ट्स 2030 तक 835 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकते हैं, जो 2023 में 431 बिलियन डॉलर थे। इसमें मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कैपिटल गुड्स, सेमीकंडक्टर्स, सोलर एनर्जी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे सेक्टर्स को उजागर किया गया है।

निवेश का बढ़ता रुख

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में निवेश का रुख अमेरिका और विकसित एशियाई देशों की तरफ बढ़ रहा है। नोमुरा ने निवेशकों को छोटी अवधि में संयम रखने की सलाह दी है, लेकिन भविष्य में कई अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद जताई है।

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन, जो वर्तमान में जीडीपी में महज 3% का योगदान करता है, को बढ़ाने के लिए सरकारी प्रयास चल रहे हैं।

सेक्टर्स में संभावनाएं

नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में भारत की प्रगति हो रही है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर एनर्जी में भी महत्वपूर्ण संभावनाएं मौजूद हैं। फार्मा सेक्टर में चीन पर निर्भरता घटाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।

नोमुरा के पसंदीदा स्टॉक्स

नोमुरा ने रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एक्साइड, सोना बीएलडब्ल्यु और ऊनोमिंडा को संभावित निवेश के लिए पसंदीदा स्टॉक्स के रूप में पेश किया है।

इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत का वैश्विक सप्लाई चेन में स्थान मजबूत हो रहा है, और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में और भी वृद्धि देखने को मिल सकती है।