2033 तक सालाना 1 ट्रिलियन Cyber हमलों वाला देश होगा भारत, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

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नई दिल्ली। अनुमानों के अनुसार भारत 2033 तक सालाना लगभग 1 ट्रिलियन Cyber हमलों वाला देश हो सकता है और 2047 में देश 17 ट्रिलियन साइबर हमलों का टारगेट हो सकता है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने मंगलवार को साइबर हमलों के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और इस समस्या से निपटने के लिए मजबूत उपायों की आवश्यकता पर बल दिया.

2023 में 79 मिलियन से अधिक Cyber हमला

प्रहार द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में तेजी से हो रहा विस्तार भारत में साइबर हमलों में वृद्धि के बड़े कारक हैं. गुप्त साइबर संस्थाओं द्वारा एम्स और एयरलाइंस पर साइबर हमले इसके उदाहरण हैं. 2023 में देश ने 79 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना किया. जो  हाल ही में आई एक रिपोर्ट में 2023 की इसी अवधि की तुलना में दूसरी तिमाही में साइबर हमलों में करीब 46% की वृद्धि दिखाता है.

 2024 की पहली तिमाही में Cyber हमलों में 76% की वृद्धि

साइबर हमलों में वृद्धि साइबर सुरक्षा उपायों की बढ़ती आवश्यकता को उजागर कर रही है. वैश्विक स्तर पर 2024 की पहली तिमाही में साइबर हमलों में 76% की वृद्धि हुई, जिसमें भारत सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है. 2024 के पहले चार महीनों में भारतीयों ने साइबर अपराधियों के कारण 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाया, जिसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7.4 लाख शिकायतों के माध्यम से की गई.

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प्रहार की रिपोर्ट, ‘द इनविजिबल हैंड’ ने इस बात पर जोर दिया है कि कैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की हैकिंग और अपने नागरिकों के साथ रिफाइंड छेड़छाड़ इन हमलों के मुख्य घटक थे. इसने पांच वर्षीय राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए यह सुझाव दिया कि साइबर हमलों से निजात पाने के प्रयासों के लिए सभी आईटी-संबंधित बुनियादी ढांचे को एक संगठन या मंत्रालय के तहत किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप द्वारा  किया जा रहा साइबर हमलों के खतरों का भी जिक्र है.

दो तरह के होते है साइबर हमले

प्रहार के अध्यक्ष अभय मिश्रा ने बताया, Cyber हमले दो तरह के होते हैं. पहले में पारंपरिक हैकर शामिल होते हैं जो वित्तीय लाभ या व्यवधान के लिए सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं.दूसरे ज़्यादा पाखंडी तरीके में नागरिकों को निशाना बनाते हैं. उन्हें हेरफेर, ज़बरदस्ती या धमकियों के ज़रिए राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भर्ती किया जाता है.