नई दिल्ली/डेस्क: जब भी हम विदेशी सैन्य अड्डों के बारे में सुनेंगे तो सबसे पहले हमारे दिमाग में फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों का नाम ही आएगा। लेकिन अब भारत भी इस मामले में किसी से कम नहीं है। भारत और चीन के बीच पिछले कई सालों से तनाव बना हुआ है। LAC पर दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। अब ये चीनी न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों से ईर्ष्या करने लगे हैं।
इस बीच भारत ने चीन को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है। दरअसल, हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए भारत मॉरीशस के जिस द्वीप पर अपना सैन्य अड्डा विकसित कर रहा था, वह अब लगभग तैयार हो चुका है। इसके साथ ही जल्द ही यहां लंबी अवधि के लिए हवाई और नौसैनिक संपत्ति भी तैनात की जा सकेगी।
मॉरीशस के लिए बनेगा सैटेलाइट
मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में बन रहे इस सैन्य अड्डे का असली मकसद हिंद महासागर में भारत की ताकत का प्रदर्शन करना होगा। क्योंकि चीन खासतौर पर इस इलाके में लगातार आक्रामक होता जा रहा है। इसके अलावा मॉरीशस के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देश मॉरीशस के लिए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह विकसित करने और लॉन्च करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर करेंगे।
इसके अलावा, आईएनएस शारदा भी मंगलवार को पोर्ट लुइस में डॉक किया गया है, जिसके दौरान भारतीय नौसेना मॉरीशस के राष्ट्रीय तट रक्षक के साथ तीन दिवसीय नौसैनिक अभ्यास भी करेगी। मॉरीशस की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए, भारत अपने कुछ बोइंग पोसीडॉन 8आई को तैनात करने पर विचार कर सकता है। भारत का कहना है कि हम चीन को घेरने के लिए यह बेस विकसित नहीं कर रहे हैं, हमारा मुख्य उद्देश्य मॉरीशस की समुद्री क्षमताओं की रक्षा करना है।
लेखक: करन शर्मा