Internet Shutdown: Nuh में हिंसक झड़प के बाद हरियाणा के 5 जिलों में इंटरनेट सेवाएं ठप, जानिए कितना होगा नुकसान और कौन देता है बंदी के आदेश?

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Internet Shutdown: हरियाणा के नूह में 31 जुलाई को दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। ये हिंसा हिंदू संगठनों की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई। हालातों को देखते हुए प्रशासन ने हरियाणा के 5 जिलों में धारा 144 लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में पैरामिलिट्री की 20 कंपनियां तैनात कर दी हैं।

साथ ही किसी तरह की अफवाहों से बचने के लिए प्रशासन ने प्रदेश में 2 अगस्त 2023 तक इंटरनेट की सेवाएं ठप करा दी हैं। आइए जानते हैं कि सरकार इंटरनेट सेवाओं पर कैसे रोक लगाती है। इसके नियम क्या हैं और इससे कितना नुकसान होता है?…

इंटरनेट कब बंद किया जाता है?

आपने ज्यादातर इंटनेट बंदी की बाते उस वक्त ही सुनी होगीं, जब कहीं पर हिंसा हुई हो और सरकार को लग रहा हो कि यहां पर कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है तो ऐसे में सरकार इंटरनेट बंदी के आदेश दे देती है।

क्योंकि ऐसे हालांतो में इंटनेट पर मौजूद मैसेजिंग ऐप्स या सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज तेजी से फैलाई जाती हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए सरकार इंटरनेट सेवाओं को बंद करा देती हैं।

कौन देता है इंटरनेट बंदी के आदेश?

साल 2017 से पहले जिले के डीएम इंटरनेट बंद करने का आदेश देते थे। जिसके बाद 2017 में ही सरकार ने इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट 1885 के तहत टेम्प्ररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सवर्सिसेज यानी पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी रूल तैयार किए। जिनसे बाद से सिर्फ केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनकी ओर से अधिकृत अथॉरिटी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं।

नेटबंदी से कितना होगा नुकसान?

इंटरनेट एडवोकेसी वॉचडॉग एक्सेस नाउ ने अपने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने साल 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन किया है। इस रिपोर्ट के साथ ही यह लगातार पांचवां साल है जब इंटरनेट शटडाउन करने वाले देश की लिस्ट में भारत का नाम सबसे टॉप पर है।

लेकिन यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसपर कोई भी कभी भी देश गर्व नहीं कर सकता। डिजिटल राइट्स एडवोकेसी ग्रुप की एक रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि साल 2022 में पूरी दुनिया में कुल 187 बार इंटरनेट बंद किया गया,जिसमें से 84 बार भारत में इंटरनेट बंद कया गया, इसमें से भी 49 बार जम्मू और कश्मीर में किया गया।

भारत में बार-बार इंटरनेट बंद होने के कारण 2023 में देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा। देश को पूरे साल इतना नुकसान नहीं हुआ जितना कि पिछले 6 महिने में हुआ है। क्योंकि 2023 में इंटरनेट बंद होने के कारण 25.52 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ।

वहीं, पिछले साल 2022 में देश को 18.43 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। अब हरियाणा और मणिपुर के बाद इस आकड़े में और उछाल आ जाएगा। दरअसल, जब नेट बंद रहता है तो सभी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन आदि रुक जाते हैं, जिससे बड़े स्तर पर करोड़ों का नुकसान हो जाता है।