नई दिल्ली। कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने मंगलवार को राज्य सरकार की नौकरियों में Muslim आरक्षण के प्रस्ताव को लेकर मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है. CMO ने कहा कि आरक्षण की मांग तो की गई है, लेकिन “इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है. यह सरकार के खिलाफ “एक और नया झूठ” है.
मुख्यमंत्री कार्यालय का यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है. CMO की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है, कुछ मीडिया में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है. लेकिन यह सच है कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है.
मुसलमानों के लिए आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर विचार : मीडिया रिपोर्ट
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार 1 करोड़ रुपये तक के मूल्य के सिविल कार्यों के सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक वर्तमान में सरकारी अनुबंधों में 43 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है इसमें
- एससी/एसटी -24 प्रतिशत
- ओबीसी श्रेणी-1 – 4 प्रतिशत
- ओबीसी श्रेणी- 2ए 15 प्रतिशत
ऐसे में मुसलमानों के लिए प्रस्तावित 4 प्रतिशत आरक्षण श्रेणी-2बी के अंतर्गत, कुल आरक्षण को 47 प्रतिशत तक ले जाएगा.
अमित शाह ने Muslim आरक्षण पर की कांग्रेस की आलोचना
बता दें कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की. झारखंड के पलामू में एक रैली में बोलते हुए शाह ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण की सीमा को कम करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “कांग्रेस आरक्षण की बात करती है, लेकिन हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है. महाराष्ट्र में कुछ ‘उलेमा’ ने मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के बारे में ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने कहा कि वे उनकी मदद करेंगे… कांग्रेस ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण की सीमा घटाकर मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है.”
शाह ने आगे कहा, मैं राहुल गांधी को चेतावनी देना चाहूंगा कि जब तक इस देश में भाजपा मौजूद है, अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण डॉ. बीआर अंबेडकर ने दिया था और आप इसका अनादर नहीं कर सकते. उन्होंने कांग्रेस को “ओबीसी विरोधी” पार्टी भी कहा और उन पर अतीत में ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया.
NCB ने जताया था विरोध
इससे पहले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCB) ने अप्रैल की शुरुआत में कर्नाटक सरकार के पूरे Muslim समुदाय को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले पर चिंता जताई थी. NCB के चेयरमैन हंसराज गंगाराम अहीर के अनुसार, आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में 36 Muslim जातियां शामिल हैं, वहीं विभिन्न श्रेणियों के तहत मुसलमानों को 4 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण भी दिया गया है.
अहीर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कर्नाटक में 12.92 प्रतिशत आबादी वाले अल्पसंख्यक मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण प्रणाली के तहत व्यापक लाभ मिल रहा है. अहीर ने यह भी बताया कि राज्य सरकार का आधिकारिक रुख यह है कि मुसलमान न तो कोई जाति है और न ही कोई धर्म. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्पष्टीकरण के अनुरोध के बावजूद कर्नाटक सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है.