इजराइल-हमास युद्ध का असर भारत समेत पूरी दुनिया पर दिखाई देने लगा?

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नई दिल्ली/डेस्क: इजरायल-हमास युद्ध का असर भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि इससे एक और मंदी आ सकती है. पश्चिम एशिया के अशांत माहौल से जहां एक ओर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं. वहीं, इसका असर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के रूप में भी देखने को मिल सकता है. पहले से महंगाई से परेशान आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. बचत, घर या कार के लोन की किस्त, निवेश और रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में इजाफा हो सकता है. बताया जा रहा है कि इजराइल गाजा युद्ध पर हर रोज करीब 24 करोड़ डॉलर खर्च कर रहा हैं.

भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. ऐसे में भारत पर कच्चे तेल के इस संकट का असर दिखना स्वाभाविक है. जिन भी देशों का इजराइल या आसपास के देशों के साथ व्यापारिक संबंध है, इस युद्ध से वे सब प्रभावित हो सकते हैं. अगर युद्ध लंबा चलता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ना लाजिमी है. जैसा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में देखा गया. इस युद्ध का असर मार्केट पर भी पड़ेगा. पर्सनल फाइनेंस पर भी इसका कहीं न कहीं असर पड़ेगा क्योंकि महंगाई बढ़ेगी. साल 2023 में भारत-इजरायल के बीच व्यापार दोगुना होकर लगभग 11 बिलियन डॉलर हो गया है, जो 2021-22 में 5.65 बिलियन डॉलर था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसमें भारतीय व्यापारिक निर्यात 7.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर और भारत को इजराइली निर्यात 2.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के मुताबिक अगर ईरान युद्ध में कूदता है तो तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं और वैश्विक विकास दर 1.7% तक गिर सकती है. इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का भी नुकसान होगा.

लेखक: इमरान अंसारी

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