इजरायल ने भारत से मांगे 100000 मजदूर

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नई दिल्ली/डेस्क: इस समय इजरायल और हमास के बीच एक युद्ध चल रहा है, जिसके बाद इजरायल गाजा पट्टी पर जमकर बम बरसा रहा है। विशेष बात यह है कि इस संकट के बीच, इजरायल ने भारत से तत्काल 100,000 श्रमिकों की मांग की है। यह मांग वॉइस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियों द्वारा की गई है।

इन कंपनियों ने सरकार से 100,000 भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने की अनुमति मांगी है, ताकि 90,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को उनकी जगह से हटा सका जा सके। इसके पीछे का कारण यह है कि 7 अक्टूबर को हमास की ओर से हुए हमले के बाद, फिलिस्तीनियों को काम करने के दिए जाने वाले परमिट को रद्द कर दिया गया है।

भारत के मजदूर करेंगे काम

इस समय, इजरायल में निर्माण कामों से जुड़ी कंपनियों में पारंपरिक रूप से फिलिस्तीनी श्रमिक काम कर रहे थे। लेकिन 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद, इन लोगों को उनके काम से हटा दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, इजरायल में निर्माण के सभी काम पूरी तरह से ठप हैं। कुछ दिन पहले तक जिन इलाकों में निर्माण का काम चल रहा था, वहां अब वह सारी साइट खाली है।

जो लोग मकान खरीद चुके हैं, वे अब बिल्डर्स से काम जारी रखने के लिए दबाव बना रहे हैं। इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन के मुताबिक, इन 90,000 फिलिस्तीनी मजदूरों में से 10% गाजा से और बाकी वे सभी वेस्ट बैंक से हैं।

इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने इस बारे में कहा है कि वे सरकार से 50,000 से 1 लाख भारतीय मजदूरों को इस जगह लाने के लिए वार्ता कर रहे हैं। हमास के हमले के बाद, इजरायल में कई फिलिस्तीनी मजदूरों के लिए सबसे कठिन समय आ गया है। एक व्यक्ति ने यह कहा, “मैं होटल में चाय पीता हूं, घर वापस जाकर खाना खाता हूं और फिर होटल में दोस्तों के साथ वक्त बिताता हूं। मेरे पास अब कोई काम नहीं है।” वर्तमान में, इजरायल में जो निर्माण काम चल रहे हैं, उनमें अधिकांश चीनी नागरिक हैं।

पहले ही हो चुकि है डील 

इजरायल इससे पहले ही भारत से श्रमिकों को बुलाने के लिए समझौता कर चुका था। मई महीने में, इजरायली विदेश मंत्री एली कोहेन भारत की यात्रा पर आए थे और उस समय दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार, इजरायल में 42,000 भारतीय श्रमिकों को भेजा जाएगा, जिनमें से 34,000 लोग कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करेंगे। इससे इजरायल के कंस्ट्रक्शन बाजार में भारतीयों के लिए एक नया अवसर पैदा होगा। पहले से ही इजरायल ने फिलिस्तीनी कर्मियों के स्थान पर विदेशी श्रमिकों को आने की योजना बनाई हुई थी।

लेखक: करन शर्मा