ललन सिंह के इस्तीफे की खबर के बाद JDU की बढ़ी मुश्किलें! खबर सही हुई तो अगला अध्यक्ष कौन?

Published

पटना/बिहार: आम चुनाव 2024 से पहले बिहार के सियासी गलियारे से आई ये खबर JDU के साथ-साथ INDI गठबंधन की भी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। खबर है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने अपना इस्तीफा नीतीश कुमार को भेज दिया है। हालांकि, 29 तारीख को जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है।

पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों से आ रही लगातार खबरें की माने तो ललन सिंह कुछ नाराज हैं। वह लगातार अपना पद छोड़ने की पेशकश कर रहे थे, हालांकि नीतीश कुमार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इस बीच खबर आई है कि ललन सिंह ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, जेडीयू की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

ललन सिंह ने नीतीश को भेजा इस्तीफा!

एक दिन पहले ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार से ललन सिंह को लेकर सवाल किया गया था। मीडिया कर्मियों ने बीजेपी नेता सुशील मोदी के जेडीयू में टूट और अध्यक्ष ललन सिंह को हटाने के बयान पर नीतीश से सवाल किया था। उस वक्त नीतीश ने कहा था कि कौन क्या कहता है, इस पर हम ध्यान नहीं देने वाले हैं। आजकल कुछ लोग जो मन में आता है कहते रहते हैं, ताकि उन्हें फायदा हो। लेकिन इससे किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला है।

29 तारीख को फैसले पर मुहर लग सकती है!

जिस तरह से नीतीश कुमार ने जवाब दिया उससे लग रहा था कि वह चाहते हैं कि ललन सिंह से जुड़ा विवाद जल्द सुलझ जाए। लेकिन इस बीच आ रही खबरों के अनुसार, ललन सिंह ने अपना पद छोड़ दिया है। यानी जेडीयू अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब 29 दिसंबर को दिल्ली में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। कहा जा रहा है कि ललन सिंह की लालू यादव से करीबी के कारण पूरा विवाद बढ़ा है, जिसके बाद ललन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा।

इस्तीफे की खबर सही हुई, तो अगला अध्यक्ष कौन?

खबर ये भी है कि ललन सिंह ने अपना इस्तीफा नीतीश कुमार को भेज दिया है। हालांकि, 29 दिसंबर को इस पर मुहर लग सकती है। नीतीश कुमार खुद अगले पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं। ऐसी भी चर्चा है कि नीतीश कुमार अपने किसी करीबी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं। सूत्रों की माने तो इस रेस में अशोक चौधरी का नाम सबसे आगे नजर आ रहा है। फिलहाल बिहार की सत्ताधारी पार्टी में चल रहे इस बड़े सियासी घटनाक्रम पर पूरी तस्वीर 29 दिसंबर को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में साफ हो सकती है।