Rajasthan News: राजस्थान के अलवर जिले के नवलपुरा मोरोड गांव निवासी जितेंद्र सिंह प्रदेश के पहले ऐसे अग्निवीर हैं, जिन्हें शहीद का दर्जा मिला है. 9 मई 2024 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी इलाके में एक आतंकी सर्च ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से उनकी शहादत हुई थी. सात महीने बाद उनके परिवार को सरकार द्वारा यह मान्यता दी गई है.
सेना में जुनून और परिवार की मदद से बने अग्निवीर
29 दिसंबर 2022 को अलवर में आयोजित अग्निवीर भर्ती में चयनित होकर जितेंद्र ने भारतीय सेना में कदम रखा था. उन्होंने बेंगलुरु में एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग ली और फरवरी 2024 में पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में मिली, और 3 पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा रहे जितेंद्र सिंह ने महज 17 महीने की सेवा के दौरान देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.
परिवार को मिला वित्तीय सहयोग
जितेंद्र सिंह के परिवार को केंद्र सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और पंजाब नेशनल बैंक से 1 करोड़ रुपये का बीमा सहयोग दिया गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी उनके परिवार को कारगिल शहीद पैकेज देने और सम्मानित करने का वादा किया है.
गांव में बन रहा है शहीद स्मारक
जितेंद्र सिंह की स्मृति में उनके गांव में शहीद स्मारक और पार्क का निर्माण कार्य जारी है. इसमें स्थानीय समाज, विधायक और भूतपूर्व सैनिकों का योगदान है. जितेंद्र सिंह के शहीद होने के बाद परिवार को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. सरकार और सेना से मिले सहयोग और सम्मान के बाद परिवार ने राहत महसूस की है. घर में अब उनका बड़ा भाई और विधवा मां हैं, जो उनके बलिदान पर गर्व महसूस करते हैं.
बता दें कि जितेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया था, लेकिन उस समय उनको शहीद का दर्जा नहीं दिया गया था.