नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा(J&K Assembly) में गुरुवार को एक बार फिर से उस समय हंगामा मच गया जब लंगेट से विधायक और जेल में बंद लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग को लेकर एक बैनर दिखाया, जिसके बाद विधायकों के बीच हाथापाई भी हो गई.
सदन में अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक द्वारा दिखाए गए बैनर पर लिखा था, कि ” हम जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली की मांग करते हैं. राजनीतिक कैदियों की रिहाई हो.”
विधायकों के बीच हाथापाई
सदन की कार्यवाही के बीच खुर्शीद अहमद शेख बैनर के साथ सदन के बीचोंबीच आ गए, जिस पर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुनील शर्मा ने आपत्ति जताई. सदन के बीच में आने पर मार्शलों ने उन्हें खड़े होने से रोकने की कोशिश की और अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने का निर्देश भी दिया. लेकिन वे बैनर लेकर खड़े रहे. भाजपा नेताओं ने अहमद शेख से बैनर छीनने की कोशिश की जिसके बाद सदन में विधायकों के बीच हाथापाई हो गई.
अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की निंदा
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन सहित विपक्षी पार्टी के विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की निंदा की. प्रस्ताव में कहा गया है, यह सदन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को असंवैधानिक और एकतरफा तरीके से हटाने तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को पारित करने की कड़ी निंदा करता है. इन कार्रवाइयों ने जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया है, तथा भारत के संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा को कमजोर कर दिया है.
अनुच्छेद 370 और 35A को बहाल करने की मांग
विधायक ने प्रस्ताव में कहा, यह सदन स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को उनके मूल, अपरिवर्तित रूप में तत्काल बहाल करने की मांग करता है और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा शुरू किए गए सभी परिवर्तनों को वापस लेने का आह्वान करता है. हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह जम्मू और कश्मीर की विशिष्ट पहचान, संस्कृति और राजनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखने के उद्देश्य से सभी विशेष प्रावधानों और गारंटियों को बहाल करके जम्मू और कश्मीर की संवैधानिक और लोकतांत्रिक पवित्रता का सम्मान करे.